मुख्य न्यायाधीश समेत दस जज होंगे इस साल रिटायर
मुख्य न्यायाधीश पी सतशिवम सहित सुप्रीम कोर्ट के एक तिहाई न्यायाधीश इस वर्ष सेवानिवृत्त हो जाएंगे। अगर खाली हो रहे पदों को भरने के लिए समय से कदम नहीं उठाए गए तो देश की सर्वोच्च अदालत में न्याय देने वालों का टोटा पड़ सकता है। इस वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले दस जजों में दोनों महिला न्यायाधीश भी शामिल हैं।
By Edited By: Updated: Thu, 02 Jan 2014 10:24 AM (IST)
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। मुख्य न्यायाधीश पी सतशिवम सहित सुप्रीम कोर्ट के एक तिहाई न्यायाधीश इस वर्ष सेवानिवृत्त हो जाएंगे। अगर खाली हो रहे पदों को भरने के लिए समय से कदम नहीं उठाए गए तो देश की सर्वोच्च अदालत में न्याय देने वालों का टोटा पड़ सकता है। इस वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले दस जजों में दोनों महिला न्यायाधीश भी शामिल हैं।
पढ़ें:आम आदमी के लिए न्याय अब भी दूर की कौड़ी: मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सहित जजों के कुल 30 पद मंजूर हैं। फिलहाल 29 न्यायाधीश काम कर रहे हैं और उनके कंधों पर 65,661 मुकदमों का बोझ है। इन 29 में से दस न्यायाधीश 2014 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति का यह सिलसिला मार्च से शुरू हो जाएगा। जस्टिस एचएल गोखले 9 मार्च को जबकि मुख्य न्यायाधीश सतशिवम 26 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके अगले ही दिन यानी 27 अप्रैल को महिला न्यायाधीश जस्टिस ज्ञानसुधा मिश्रा सेवानिवृत्त हो रही हैं। सतशिवम की सेवानिवृत्ति के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश आरएम लोढा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। लेकिन, वह 27 सितंबर तक ही इस पद पर रहेंगे। 27 सितंबर को जस्टिस लोढा भी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। जस्टिस केएस राधा कृष्णन 14 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं जिनमें कुडानकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र को हरी झंडी और सहारा को निवेशकों का 24,000 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश शामिल है। जून में दो न्यायाधीश जस्टिस एके पटनायक और एसएस निज्जर रिटायर होंगे। जस्टिस पटनायक ने ही अदालत से दोषी करार विधायकों और सांसदों को अयोग्य ठहराने वाला ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। जबकि, जस्टिस निज्जर काले धन पर फैसला सुनाने वाली पीठ के सदस्य थे। जुलाई में भी दो न्यायाधीश जस्टिस बीएस चौहान और जस्टिस सीके प्रसाद रिटायर होंगे।
इस वर्ष रिटायर होने वाली दसवीं न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई होंगी। वह 29 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होंगी। अगर जस्टिस देसाई की सेवानिवृत्ति से पहले किसी महिला न्यायाधीश को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त नहीं किया गया तो एक बार फिर देश की आधी आबादी का सर्वोच्च अदालत में प्रतिनिधित्व समाप्त हो जाएगा। बड़ी संख्या में सेवानिवृत्ति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करनी होगी ताकि शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की कमी न रहे और लंबित मुकदमों का शीघ्र निस्तारण हो।
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