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ब्रिटिश मदद से हुआ था ऑपरेशन ब्लूस्टार

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चुनावी मौसम में ऑपरेशन ब्लूस्टार और सिख दंगों का जिन्न एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकता है। अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में 1984 के ऑपरेशन ब्लूस्टार के लिए ब्रिटेन सरकार की मदद का सनसनीखेज दावा सामने आया है। इंदिरा गांधी सरकार के आग्रह पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर के सैन्य मदद मुहैया कराने की बात कथित ब्रिटिश सरकारी दस्तावेजों में सामने आई है।

By Edited By: Published: Tue, 14 Jan 2014 09:04 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2014 10:27 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चुनावी मौसम में ऑपरेशन ब्लूस्टार और सिख दंगों का जिन्न एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकता है। अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में 1984 के ऑपरेशन ब्लूस्टार के लिए ब्रिटेन सरकार की मदद का सनसनीखेज दावा सामने आया है। इंदिरा गांधी सरकार के आग्रह पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर के सैन्य मदद मुहैया कराने की बात कथित ब्रिटिश सरकारी दस्तावेजों में सामने आई है।

सिख धार्मिक संवेदनाओं से जुड़े इस मासले पर एक ब्रिटिश सांसद के उठाए सवालों पर प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने जांच के आदेश दिए हैं। भारत ने ताजा दावों की रोशनी में ब्रिटेन सरकार से तथ्य साझा करने को कहा है। हालांकि ऑपरेशन में शामिल रहे सैन्य अधिकारियों ने सैन्य अभियान में किसी विदेश मदद से इन्कार किया है।

गोपनीयता कानून की तीस सालों की मियाद खत्म होने के बाद सार्वजनिक हुए कथित सरकारी दस्तावेजों के अनुसार अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर 1984 में हुई भारतीय सेना की कार्रवाई में ब्रिटेन की स्पेशल एयर सर्विस (एसएएस) ने मदद की थी। 'अति गोपनीय व व्यक्तिगत' शीर्षक वाले इन दस्तावेजों के मुताबिक ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर के निर्देश पर ऐसा हुआ था।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय से इस ऑपरेशन से चार महीने पहले 6 फरवरी 1984 को लिखे पत्र के मुताबिक भारत सरकार की ओर से स्वर्ण मंदिर से अलगाववादियों को निकालने की योजना में मदद मांगी गई है।

ब्रिटिश विदेश मंत्रालय के 23 फरवरी 1984 के एक पत्र के मुताबिक स्वर्ण मंदिर से चरमपंथियों को निकालने की योजना में मदद के लिए विशेष सैन्य दस्ते के एक अधिकारी की भारत यात्रा का उल्लेख है। इन दस्तावेजों के अनुसार ब्रिटिश अधिकारी ने एक योजना भी बनाई, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मंजूरी भी दे दी। ब्रिटेन के लेबर पार्टी सांसद टॉम वाटसन और लार्ड इंद्रजीत सिंह के इन दस्तावेजों के आधार पर स्पष्टीकरण मांगने के बाद प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कैबिनेट सचिव से जांच करने और तथ्यों के पुष्टिकरण के आदेश दिए हैं।

इस बीच सामने आए ताजा दावों के मद्देनजर भारत ने ब्रिटेन से तथ्य साझा करने का आग्रह किया है। मीडिया में आई खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे विदेश मंत्रालय प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि हम मामले को ब्रिटेन सरकार के साथ उठाएंगे। हम चाहेंगे कि इस संबंध में जानकारी हमसे साझा की जाए। हालांकि, ऑपरेशन ब्लूस्टार में शामिल रहे सैन्य अधिकारियों ने इन दावों को खारिज किया है। सैन्य ऑपरेशन के कमांडर रहे सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल केएस बरार ने कहा कि ब्लूस्टार में ब्रिटेन से कोई मदद नहीं ली गई। महत्वपूर्ण है कि लंदन में ही 2012 के दौरान सैन्य अधिकारी बरार पर जानलेवा हमला भी किया गया था।

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उल्लेखनीय है कि जून 1984 में स्वर्ण मंदिर में सिख अलगाववादियों को सैन्य अभियान के द्वारा बाहर निकाला गया था। इसमें सिखों के पवित्र स्थल को भी काफी नुकसान हुआ था। वहीं इसकी प्रतिक्रिया में सिख अंगरक्षकों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी थी। इसके बाद हुए दंगों में बड़ी संख्या में सिखों की मौत भी हुई थी।

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