बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में चपरासी की बिटिया ने लहराया परचम
दैनिक जागरण से बातचीत में जूली ने बताया कि रातभर जग कर उसने न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी की। जूली बताती है कि उसने गरीबी को काफी करीब से देखा है।
भागलपुर (जासं)। बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में सिविल कोर्ट से सेवानिवृत्त चपरासी जगदीश साह की बेटी जूली साह ने परचम लहराया है। ईसीबी कोटे में उन्होंने 24वां स्थान हासिल किया है। जूली साह ने इंटर की पढ़ाई के दौरान ही ठान लिया था कि उसे जज बनना है। छह भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर रही जूली कहती है कि वह निष्पक्ष न्याय करेंगी।
दैनिक जागरण से बातचीत में जूली ने बताया कि रातभर जग कर उसने न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी की। जूली बताती है कि उसने गरीबी को काफी करीब से देखा है। जूली ने बताया कि उसकी शादी कजरैली में वर्ष 2009 में हुई थी। पति दिल्ली में प्राइवेट जॉब करते हैं। उसे सात साल का बेटा है। पढ़ने से पति ने भी मना नहीं किया। सास-ससुर ने भी साथ दिया। जूली के पिता जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आइसीयू में 15 दिनों से जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। जूली उनके साथ है। उनकी आंखें तो खुलती हैं लेकिन वे कुछ बोल नहीं पाते।
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