शहरी किशोरियों में गर्भपात का चलन अधिक
महिलाओं का जीवन संवारने की सरकार की महत्वाकांक्षी मुहिम 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की राह में एक नई सामाजिक समस्या रोड़ा अटका सकती है
नई दिल्ली [हरिकिशन शर्मा]। महिलाओं का जीवन संवारने की सरकार की महत्वाकांक्षी मुहिम 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की राह में एक नई सामाजिक समस्या रोड़ा अटका सकती है। यह शहरों में किशोरियों में गर्भपात के बढ़ते प्रचलन की है। यौन शिक्षा और जागरूकता के अभाव में शहरों में किशोरियों के गर्भपात कराने का चलन काफी अधिक है। हाल यह है कि शहरों में 20 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों में लगभग हर सातवें गर्भधारण का अंत गर्भपात के रूप में होता है। 20 साल से कम उम्र की शहरी युवतियों में गर्भपात का रुझान राष्ट्रीय औसत के मुकाबले काफी अधिक है।
ये चौंकाने वाले तथ्य सरकारी संस्था नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की एक ताजा रिपोर्ट में सामने आए हैं। सोमवार को जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भपात का प्रतिशत 2 और शहरी क्षेत्रों में 3 है। लेकिन गर्भपात का सर्वाधिक प्रतिशत 20 वर्ष से कम उम्र की शहरी युवतियों में है। 20 साल से कम आयु की शहरी युवतियों में गर्भपात 14 प्रतिशत तक है। दूसरी ओर, गांवों में 20 वर्ष से कम आयु वर्ग में गर्भपात का प्रतिशत मात्र 0.7 है। वहीं शहरों के दूसरे आयु वर्ग को देखें तो गर्भपात का प्रतिशत इतना अधिक नहीं है। मसलन, 30 से 34 वर्ष उम्र की शहरी महिलाओं में गर्भपात का प्रतिशत 4.6 है। दूसरी ओर, ग्रामीण क्षेत्र में गर्भपात का सर्वाधिक प्रतिशत 35 से 39 वर्ष के आयुवर्ग में 5.4 प्रतिशत है।
यौन संबंधों की जागरूकता जरूरी:
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. के. मदान का कहना है कि शहरी युवतियों में गर्भपात का यह उच्च प्रतिशत निश्चित ही चिंताजनक है। इस ट्रेंड को बदलने के उपाय करने चाहिए। इस रुझान से पता चलता है कि युवाओं को यौन संबंधों के प्रति जागरूक बनाने की जरूरत है।
असली कारण के लिए और हो अध्ययन:
दरअसल गर्भपात के प्रतिशत से आशय किसी भी आयु वर्ग में गर्भधारण की कुल संख्या में गर्भपात की संख्या के अनुपात से है। 20 वर्ष से कम उम्र की शहरी युवतियों में गर्भपात का प्रतिशत उच्च होने का रिपोर्ट में कोई स्पष्ट कारण तो नहीं बताया गया है कि लेकिन इसमें कहा गया है कि इसकी एक वजह शहरों में आसानी से गर्भपात की सुविधा उपलब्ध होना है। हालांकि इसका असल कारण जानने के लिए रिपोर्ट में अध्ययन की जरूरत बताई गई है।
उल्लेखनीय है कि 'हेल्थ इन इंडिया' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए एनएसएसओ ने जनवरी से जून, 2014 के बीच सर्वे किया।
किस आयु वर्ग में कितना प्रतिशत
आयु वर्ग गांव शहर
20 से कम 0.7 13.6
20 - 24 1.3 1.6
25 - 29 1.2 2.9
30 - 34 2.9 4.6
35 -39 5.4 2.0
40 - 44 3.5 2.0
45 से अधिक 00 1.1
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नोट: आयु के आंकड़े वर्ष में