सार्वजनिक की गई फाइलों में दावा, रूस में नेताजी के ठहरने का कोई रिकॉर्ड नहीं
नेताजी की गुमशुदगी को लेकर कयास लगाए जाते हैं। ताजा जारी की फाइलों के मुताबिक सुभाषचंद्र बोस वर्ष 1945 में रूस नहीं गए थे।
नई दिल्ली । नेताजी सुभाषचंद्र बोस की गुमशुदगी पर रहस्य बरकरार है। नेताजी से जुड़ी 25 नई फाइलों से पता चला है कि इस बात का कोई रिकॉर्ड नहीं है कि वर्ष1945 में नेताजी सोवियत संघ में ठहरे थे। फाइलें शुक्रवार को जारी की गईं। फाइलों से जो नयी जानकारी सामने आ रही है। वो इस धारणा पर सवाल उठाता है कि नेताजी विमान से रूस गए थे और 1945 में ताइपेई में हुए एक विमान हादसे में नहीं मारे गए थे।
मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास को आठ जनवरी 1992 को लिखे गए पत्र में रूसी फेडरेशन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि केंद्रीय एवं रिपब्लिकन अभिलेखागारों के डेटा के मुताबिक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुभाषचंद्र बोस के 1945 और इसके बाद सोवियत संघ में ठहरने के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है।
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करीब 70 साल पहले नेताजी का लापता होना अब भी रहस्य बना हुआ है। दो जांच आयोगों ने कहा है कि नेताजी 18 अगस्त 1945 को ताईपेई में एक विमान हादसे में मारे गए थे। जबकि न्यायमूर्ति एमके मुखर्जी आयोग ने इस निष्कर्ष को चुनौती देते हुए कहा था कि बोस जीवित हैं।
25 फाइलों का छठा बैच ऑनलाइन जारी किया गया
केंद्रीय संस्कृति सचिव एनके सिन्हा ने नेताजी से जुड़ी 25 फाइलों का छठा बैच ऑनलाइन जारी किया. 25 फाइलों का यह मौजूदा बैच 1952-2014 के दौरान विदेश मंत्रालय से जुड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी की 119वीं जयंती के अवसर पर 23 जनवरी को उनसे जुड़ी 100 फाइलों का पहला बैच सार्वजनिक किया था. 50 फाइलों का दूसरा बैच मार्च में जारी किया गया था और उसके बाद के महीनों में 25-25 फाइलों का बैच जारी किया जाता रहा।
फाइलों से मिली जानकारी
-नेताजी के रूस जाने और ताईपेई में हादसे में मारे जाने की धारणा को चुनौती।
-जनवरी 1992 में रूसी फेडरेशन के विदेश मंत्रालय ने लिखा था पत्र ।
-करीब 70 साल पहले नेताजी का लापता होना अब भी रहस्य है।