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बराक ओबामा के दौरे पर आतंकी हमलों का खतरा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा के दौरान खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में स्कूल, कालेज या कम सुरक्षा वाले स्थान पर आतंकी हमले की आशंका जताई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Fri, 16 Jan 2015 12:15 PM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा के दौरान खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में स्कूल, कालेज या कम सुरक्षा वाले स्थान पर आतंकी हमले की आशंका जताई है। इस खतरे से निपटने को सुरक्षा तंत्र को चाक-चौबंद किया जा रहा है।

सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा के लिए विदेश मंत्रालय ने गृह और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है। रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा कि हम किसी भी आतंकी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने साफ कर दिया कि घाटी में शांति को भंग नहीं होने देंगे।

ओबामा की यात्रा के दौरान सुरक्षा में बेहतर तालमेल के लिए अमेरिकी और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक का सिलसिला भी शुरू हो गया है। इस सिलसिले में शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने रक्षा व गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है।

इसमें अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी के साथ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के भी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद होंगे। सूत्रों के अनुसार बैठक में सुरक्षा की तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ विभिन्न एजेंसियों के पास सुरक्षा की जिम्मेदारी का बंटवारा भी होगा। 25 जनवरी को दिल्ली पहुंच रहे ओबामा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे और 27 जनवरी को आगरा ताजमहल देखने जाएंगे।

घात लगाए आतंकियों में तालिबानी भी

ओबामा की यात्रा के दौरान आतंकी हमले की आशंका जताते हुए लेफ्टिनेंट जनरल केएच सिंह ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर पाक अधिकृत कश्मीर की तरफ 200 से अधिक आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं। इनमें कुछ तहरीक ए तालिबान के ऐसे आतंकी भी शामिल हैं, जिन्होंने पाक सेना के आगे आत्मसमर्पण किया था।

घाटी में स्कूलों-अस्पतालों पर खतरा

खुफिया रिपोर्टो का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ओबामा की यात्रा के दौरान आतंकी घाटी में स्कूलों, अस्पतालों व अन्य ऐसे भीड़भाड़ वाले इलाके में हमले की साजिश रच रहे हैं, जहां कड़ी सुरक्षा नहीं होती। लेकिन उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि सुरक्षा एजेंसियां आतंकी मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगी। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद में लिप्त केवल 80-90 लोग बचे हैं, जिनमें 37 सक्रिय आतंकी और शेष स्लीपर सेल के सदस्य हैं। उन्होंने दावा किया कि सुरक्षा बलों के पास इन आतंकियों की गतिविधियों की पुख्ता जानकारी है।