बजट में दिया गया गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर जोर
प्राथमिक शिक्षा केवल साक्षरता के लिए नहीं बल्कि शिक्षित बनाने के लिए और उच्च शिक्षा विश्वस्तरीय। शिक्षा के कलेवर में बदलाव लाने के लिए सरकार का ध्येय कुछ ऐसा ही होगा।
By Rajesh KumarEdited By: Updated: Mon, 29 Feb 2016 07:51 PM (IST)
नई दिल्ली। प्राथमिक शिक्षा केवल साक्षरता के लिए नहीं बल्कि शिक्षित बनाने के लिए और उच्च शिक्षा विश्वस्तरीय। शिक्षा के कलेवर में बदलाव लाने के लिए सरकार का ध्येय कुछ ऐसा ही होगा। 2001 में शुरू की गई सर्व शिक्षा अभियान योजना को और मजबूत बनाने पर जोर देते हुए जहां इस साल योजना के लिए बड़ी राशि का आबंटन किया गया है। वहीं 62 नए नवोदय विद्यालय, उच्च शिक्षा में विश्वस्तरीय संस्थान बनाने जैसी सोच के साथ सरकार आगे बढ़ेगी।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत अगले दो वर्षो में उन 62 जिलों में नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे जहां अभी तय यह नहीं हैं। इसके अलावा भारत सरकार सर्व शिक्षा अभियान की रूपरेखा में शिक्षकों की नियुक्ति, उनका प्रशिक्षण, छात्रवृत्ति, वर्दी, पाठ्यपुस्त कें आदि को और अधिक मजबूत बनाने के साथ- साथ विद्यालयों की बुनियादी सुविधाएं जैसे, बैठने की व्यवस्था से लेकर शौचालय, पेय जल आदि की मूल संरचना को और अधिक सुदृढ़ बनाने पर भी काम करेगी।ये भी पढ़ें- छोटे करदाताओं को दोहरी राहत, नहीं बढ़ाई आयकर से छूट की सीमा फिलहाल भारत में विश्वस्तरीय रैंकिंग वाले उच्च शिक्षण संस्थानों का अभाव है। ऐसे में सरकार की कोशिश होगी कि देश में सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र की दस दस ऐसी संस्थाएं हों जो विश्वस्तरीय हों। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए स्पष्ट किया है कि सरकार विधेयक लाकर इसका प्रबंध करेगी।
उच्च शिक्षण संस्थाओं में आम छात्र को विश्र्वस्तरीय शिक्षा कम खर्च में मिल सकें इस क्षेत्र में भी सरकार काम कर रही है। सरकार ने 1000 करोड़ रुपए की पूंजी के साथ उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी स्थापित करने का फैसला भी किया है जो इसका प्रबंध करेगी कि इन संस्थानों का पूरा ढांचागत विकास गो सके। इसके अलावा कभी-कभी विद्यार्थियों को अपने शैक्षणिक दस्तावेजों के खो जाने पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी के मद्देनजर सरकार ने शिक्षा संस्थानों से मिलने वाले दस्तावेज जैसे डिग्री, प्रमाण पत्र, उपाधि, परित्याग पत्र आदि के लिए डिजीटल भंडारण स्थापित करने का प्रस्ताव भी दिया है। इस डिजीटल भंडारण के माध्यम से विद्यार्थियों के महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा और वैधीकरण आसानी से हो सकेगी।