यूपी में जीत के लिए इन नेताओं पर दांव लगा सकती है भाजपा
भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। हालांकि उसने यहां पर सीएम पद के प्रत्याशी के नाम पर चुप्पी साध रखी है। फिर कुछ हैं जिन पर वह दांव खेल सकती है।
नई दिल्ली [कमल कान्त वर्मा]। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है। लोकसभा चुुनाव में प्रदेश में धमाकेदार जीत दर्ज करने वाली भाजपा के लिए राह भले ही आसान न हों लेकिन उसके लिए यहां का चुनाव जीतना किसी प्रतिष्ठा से कम नहीं होगा। हालांकि इस चुनाव में भाजपा किस पर दांव खेलेगी, इसको लेकर अभी तक अपने पत्तें नहीं खोलीी है।
वहीं यह सवाल दूसरी पार्टियों के लिए न के ही बराबर है। एक ओर सपा जहां मौजूदा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपना चेहरा बनाएगी वहीं बसपा का हमेशा से चेहरा बनी मायावती ही इसके लिए दांव पर होंगी। लेकिन भाजपा इस चुनाव में किस पर दांव लगाएगी यह देखना बेहद खास होगा। लेकिन कुछ ऐसे नाम जरूर हैं जिन पर पार्टी किस्मी आजमा सकती है।
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भाजपा में इस पद को लेकर अंदरखाने में कई नेता प्रयासरत हैं। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही भगवा परचम थामे आगे बढ़ने वालों में योगी आदित्यनाथ से लेकर कई और दूसरे नेता हैं जो प्रदेश की कमान संभालने के लिए कोशिश कर सकते हैं। लेकिन साफ-सुथरी छवि दिखाने वाली भाजपा शायद ही उनको अपना चेहरा बनाएगी। इसकी वजह उनके दिए विवादित बयान है।
इनके लिए प्रतिष्ठां का प्रश्न बना है यूपी विधानसभा चुनाव
यहां पर यह बात समझनी भी जरूरी है कि केंद्र में जब से भाजपा की सरकार बनी है तभी से वह मिशन 2019 को साधने में लगी है। इसके लिए वह लगातार काम कर रही है। लिहाजा वह कोई भी कदम ऐसा नहीं उठाएगी जिससे उसकी छवि धूमिल हो। आदित्यनाथ को प्रदेश में सीएम प्रोजेक्ट करने से पार्टी की छवि धूमिल हो सकती है, लिहाजा वह ऐसा करना नहीं चाहेगी।पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी का नाम भी बीच में प्रदेश के सीएम पद के उम्मीद्वार के तौर पर गाहे-बगाहे सामने आता रहा है लेकिन उनको लेकर पार्टी कोई रिस्क लेगी ऐसा कम ही लगता है। इसके बाद दो नाम बचते हैं जिनकी दावेदारी पर पार्टी मुहर लगा सकती है। इसमें से पहला नाम गृहमंत्री राजनाथ सिंह का है। राजनाथ सिंह प्रदेश के मुख्यंमंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह एक साफ-सुथरी छवि के नेता भी हैं। वहीं दूसरी और प्रदेेश में उनकी राजनीतिक जमीन भी काफी मजबूत है। ऐसे में भाजपा उन पर अपना दांव खेल सकती है।
वहीं इसकी दूसरी बड़ी दावेदार केंद्रीय मंत्री स्मृमति इरानी भी हो सकती हैं। जिस सोची समझी रणनीति के साथ वह उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारी गईं और हार के बाद भी केंद्र में मंत्री बनाई गईं, उससे उनके इस पद की दावेदारी की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।
यहां पर हर रोज मौत को रहता है किसी न किसी का इंतजार
इसके बाद भी वह लगातार अमेठी जाती रही हैं और साथ ही यूपी के अलग अलग जगहों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराती रही हैं। एक वक्ता के तौर पर भी उनको काफी सराहा जाता है। इसलिए मुमकिन है कि भाजपा उन्हें इस पद के लिए अपना चेहरा बनाए। हालांकि इसके वावजूद भी अभी भविष्य के गर्भ में काफी कुछ छिपा हुआ है जो समय आने पर सामने आएगा।