अगस्ता से जुड़े लोगों को रिटायरमेंट के बाद मिले मलाईदार पदः पर्रिकर
अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम में जो लोग जु़ड़े थे, उन्हें रिटायर होने के बाद अच्छे पद दिए गए। यह बात रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कही।
By Sachin MishraEdited By: Updated: Sun, 08 May 2016 09:15 PM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र। अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में कांग्रेस के शामिल होने के आरोपों को मजबूती देने की कोशिश करते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि जो लोग इस घोटाले से जु़ड़े थे उन्हें रिटायर होने के बाद 'अच्छे पद' दिए गए।
एजेंसी को दिए इंटरव्यू में पर्रिकर ने एक सवाल के जवाब में कहा, मैं नहीं कह रहा कि गैरकानूनी रूप से, लेकिन अगर कहीं भी लोग इससे जु़डे़ थे तो उन्हें राज्यपाल, राजदूत जैसे अच्छे पद दिए गए। वे लोग उस समय शक्तिशाली थे या शक्तिशाली के खास थे। इसलिए उन्हें वे पद दिए गए जिससे सौदा पूरा हो सके। यह परोक्ष सुबूत है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को तय करना है कि ऐसे लोगों से पूछताछ की जाए। उस समय के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायण बाद में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बने। तब के एसपीजी प्रमुख बीवी वांचू सेवानिवृत्ति के बाद गोवा के राज्यपाल बनाए गए। उस समय के रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा बाद में नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक बनाए गए। सभी अगस्ता हेलिकॉप्टर को लेकर निर्णय करने की प्रक्रिया में शामिल थे।अगस्ता सौदे में टेंडर प्रक्रिया में बदलाव की शुरुआत एनडीए सरकार में हुई: एंटनी
कोच्चि,प्रेट्र: पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने केंद्र की सत्ताधारी पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा कि अगस्ता सौदे में टेंडर प्रक्रिया में बदलाव 2003 में एनडीए सरकार के समय शुरू हुआ था। उस समय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर निविदा के मानकों पर खरा नहीं उतर रहा था। निविदा प्रक्रिया में वह एयरफोर्स, रक्षा अधिकारियों की बैठक होने के बाद ही शामिल किया जा सका था। बैठक की अध्यक्षता तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा ने की जिसमें नियमों में बदलाव का निर्णय किया गया था। उस बैठक में ही उड़ान की ऊंचाई कम करने का फैसला हुआ और केबिन का आकार तय किया गया। एंटनी ने कहा कि हेलीकॉप्टर प्राप्त करने की प्रक्रिया भी अटल राज में आरंभ हो गई थी।