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इंडियन मुजाहिदीन के तीन आतंकी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गत अगस्त में हुए पुणे ब्लास्ट का खुलासा कर इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] के तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। महाराष्ट्र से दिल्ली आए तीनों आतंकियों के निशाने पर दिल्ली के बाजार और बिहार का बोधगया शहर थे। दशहरा और दीपावली के मौके पर आइएम का इरादा इन दोनों शहरों में विस्फोट करने का था। पकड़े गए आतंकियों की पहचान असद खान, इमरान खान और सैयद फिरोज उर्फ हमजा के रूप में हुई है। तीनों महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। पाकिस्तान में बैठे आइएम चीफ रियाज व इकबाल भटकल के इशारे पर तीनों आतंकी वारदात को अंजाम देने वाले थे।

By Edited By: Updated: Thu, 11 Oct 2012 08:24 PM (IST)
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नई दिल्ली

[जासं]। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गत अगस्त में हुए पुणे ब्लास्ट का खुलासा कर इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] के तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। महाराष्ट्र से दिल्ली आए तीनों आतंकियों के निशाने पर दिल्ली के बाजार और बिहार का बोधगया शहर थे। दशहरा और दीपावली के मौके पर आइएम का इरादा इन दोनों शहरों में विस्फोट करने का था। पकड़े गए आतंकियों की पहचान असद खान, इमरान खान और सैयद फिरोज उर्फ हमजा के रूप में हुई है। तीनों महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। पाकिस्तान में बैठे आइएम चीफ रियाज व इकबाल भटकल के इशारे पर तीनों आतंकी वारदात को अंजाम देने वाले थे।

पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने बताया कि एक अगस्त को पुणे में हुआ ब्लास्ट आइएम सदस्य कतील सिद्दीकी की यरवदा जेल में हुई हत्या का बदला लेने के लिए किया गया था। कतील की 8 जून को जेल में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद आइएम ने यरवदा जेल व पुणे कोर्ट में विस्फोट की योजना बनाई, लेकिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते सफल नहीं हो सके। मुंबई में भी आरोपियों ने रेकी की, लेकिन वहां भी अपनी कार्रवाई को अंजाम नहीं दे पाए। तब भटकल बंधुओं के कहने पर तीनों ने पुणे में ही कसरवाड़ी स्थित एक फ्लैट में अपना ठिकाना बनाया। तीनों आतंकियों के अलावा दो अन्य आतंकी भी विस्फोटकों के साथ वहां उनसे आकर मिले। पुणे ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण वहीं के स्थानीय मार्केट से खरीदे थे।

पुलिस आयुक्त के अनुसार, आतंकी अबू जुंदाल से पूछताछ में पता चला था कि सऊदी अरब में बैठे आइएम के आका भारत के कई बड़े शहरों में तबाही की योजना बना रहे हैं। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया था। पुणे ब्लास्ट की साजिश जुलाई में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में असद खान की टूर एंड ट्रैवल एजेंसी में बनी थी। पुणे में मिले दो अन्य आतंकियों के साथ सैयद फिरोज ने पुणे के बुधवारपेठ से डिजिटल घड़ी, सर्किट बोर्ड आदि सामान लिया, जबकि बॉल बेयरिंग इमरान ने नांदेड से खरीदी थी। एक अगस्त को सभी पुणे के फाडके हौद पहुंचे, जहां से एक साइकिल खरीदी। डेक्कन बस स्टैंड की पार्किंग में साइकिल खड़ी करने के बाद आतंकियों ने किराए का फ्लैट खाली कर दिया था। कंधों पर टांगे गए बैग में विस्फोटक रखकर वह दोबारा साइकिल स्टैंड पहुंचे। जहां विस्फोटक लगाने के बाद उन्होंने वह साइकिल जंगली महाराज रोड तथा अन्य स्थानों पर खड़ी की। इन धमाकों में एक व्यक्ति घायल हुआ था।

हवाला के जरिये मिले तीन लाख

स्पेशल पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव के अनुसार, पुणे ब्लास्ट के लिए आइएम आतंकियों को हवाला के जरिये तीन लाख रुपये मिले थे। इसके बाद तीनों को दिल्ली पहुंचकर ब्लास्ट की जिम्मेदारी सौंपी गई। दिल्ली में नेहरू प्लेस इलाके में मिले राजू भाई नामक व्यक्ति ने उन्हें पुल प्रह्लादपुर में एक फ्लैट तक पहुंचाया। उनके रहने का सारा इंतजाम राजू ने किया था। अधिकारियों का मानना है कि आतंकियों को फ्लैट दिलाने वाले 40 वर्षीय व्यक्ति [राजू] का यह कोड नाम है। उसकी अभी पहचान नहीं हो पाई है।

बम बनाने की ली थी ट्रेनिंग

स्पेशल सेल डीसीपी संजीव यादव की टीम ने 26 सितंबर को असद खान व इमरान को पुल प्रहलादपुर इलाके से दबोचा। उनके बैग की तलाशी में चार किलो विस्फोटक व आठ डेटोनेटर मिले। उनके फ्लैट से भी बैटरी आदि उपकरण बरामद हुए। दोनों से पूछताछ के बाद सैयद फिरोज उर्फ हमजा को एक अक्टूबर को निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से उस वक्त पकड़ा गया, जब वह दोनों के पास मिलने जा रहा था। उससे भी एक किलो विस्फोटक व दो डेटोनेटर मिले। आतंकियों ने बताया कि बिहार में बोधगया के एक मंदिर के अलावा दिल्ली के भीड़भाड़ वाले बाजार उनके निशाने पर थे। तीनों को बम बनाने की ट्रेनिंग मिली हुई है। गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने आतंकियों की मदद करने वाले राजू भाई व पुणे की वारदात में शामिल दो अन्य आतंकियों के स्केच भी जारी किए।

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