10 दिन नहीं, अब सिर्फ दो घंटे तक ही मिलेगा टिकट रिफंड
यात्री सुविधाओं पर कैंची चलाते हुए रेलवे ने फिर दस दिन तक टिकट रिफंड की सुविधा खत्म कर दी है। अब ट्रेन छूटने के दो घंटे तक ही रिफंड मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक, दस दिनों तक मिलने वाले रिफंड पर शनिवार से रोक लगा दी गई। क्रिस ने सिस्टम में अपडेट कर दिया है। पहले सुविधा थी कि ट्रेन छूट जाने पर यात्र
By Edited By: Updated: Sun, 02 Mar 2014 11:37 AM (IST)
दीपक बहल, अंबाला। यात्री सुविधाओं पर कैंची चलाते हुए रेलवे ने फिर दस दिन तक टिकट रिफंड की सुविधा खत्म कर दी है। अब ट्रेन छूटने के दो घंटे तक ही रिफंड मिलेगा।
पढ़ें: प्रीमियर ट्रेनों के किराए सुनकर उड़ सकते हैं आपके होश सूत्रों के मुताबिक, दस दिनों तक मिलने वाले रिफंड पर शनिवार से रोक लगा दी गई। क्रिस ने सिस्टम में अपडेट कर दिया है। पहले सुविधा थी कि ट्रेन छूट जाने पर यात्री कंप्यूटरीकृत आरक्षण कार्यालय में दस दिनों का रिफंड ले लेता था। ट्रेन में सवार चेकिंग स्टॉफ कन्फर्म सीट पर मुसाफिर के न होने पर ईडीआर भरता था, जिसकी सूची आरक्षण कार्यालय में दी जाती थी। इस सूची में मुसाफिर का नाम, क्लास, सीट नंबर, ट्रेन संख्या, कहां से कहां तक टिकट बना था, इसकी एंट्री कंप्यूटर में होती थी। ऑनलाइन एंट्री होने के बाद मुसाफिर किसी भी रिजर्वेशन कार्यालय से दस दिनों तक पचास फीसद रिफंड ले लेता था। लेकिन, 1 मार्च से इस रिफंड पर रोक लगा दी गई है। 28 फरवरी 2014 तक जिन ट्रेनों में मुसाफिरों ने कन्फर्म टिकट होने के बावजूद यात्रा नहीं की, उनकी एक्ससेप्शनल डाटा रिपोर्ट (ईडीआर) भरी गई है।
इन मुसाफिरों को ही सिर्फ टिकट का रिफंड मिलेगा। उधर, सीनियर डीसीएम गुलशन कुमार ने माना कि अब दस दिनों का नहीं सिर्फ दो घंटे मिलेगा रिफंड। किसी कारणवश ट्रेन छूट जाने पर यात्रियों को पहले कन्फर्म टिकट स्टेशन के टिकट संग्राहक कार्यालय में जमा करवाना होता था, जिस पर उसे टिकट डिपॉजिट रसीद (टीडीआर) मिलती थी।
इसके बाद रेलवे की ओर से आरक्षित टिकट को मुख्य क्लेम कार्यालय (सीसीओ) भेजता था, वहां से जांच करने के बाद यात्री के पते पर 'पे आर्डर' भेज दिया जाता था। इस पे आर्डर को यात्री को उस स्टेशन के बुकिंग काउंटर पर दिखाकर रिफंड ले लेता था।