Ayodhya Case Verdict: अयोध्या मामले में चली 40 दिनों तक लगातार सुनवाई, जानें कब क्या हुआ
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई हुई। यह सुनवाई 6 अगस्त 2019 से लेकर 16 अक्टूबर 2019 तक चली। जानें सिलसिलेवार ब्यौरा।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Sat, 09 Nov 2019 10:08 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त-16 अक्टूबर 2019 तक अयोध्या मामले की नियमित सुनवाई की थी। यह देश का दूसरा ऐसा मामला था जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह से इतने दिन नियमित सुनवाई की थी। सिलसिलेवार जानें सुप्रीम कोर्ट में किस दिन क्या हुआ।
1 अगस्त 2019: अयोध्या विवाद के मध्यस्थता पैनल ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी।2 अगस्त 2019: अयोध्या पर नहीं निकल सका मध्यस्थता से हल। सुप्रीम कोर्ट ने छह अगस्त से मामले की रोजाना सुनवाई करने का दिया आदेश। प्रधान न्यायीधीश रंजन गोगोई, एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय संविधान पीठ करेगी मामले की सुनवाई। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सुनवाई की शुरुआत वाद संख्या तीन और पांच से होगी। लिहाजा पहले निर्मोही अखाड़े का मुकदमाऔर फिर रामलला विराजमान का मामला सुना जाएगा।
6 अगस्त 2019: निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट में मांगा पूरी राम जन्मभूमि का मालिकाना हक। 7 अगस्त 2019: निर्मोही अखाड़ा ने कोर्ट में कहा कि 1982 में पड़ी डकैती में जमीन के खसरा संबंधी दस्तावेज चोरी हो गए थे। कोर्ट के समक्ष अखाड़े की तरफ से दस्तावेज पेश करने पर असमर्थता जाहिर की गई। रामलला विराजमान ने अपना पक्ष रखते हुए जमीन का मालिकाना हक मांगा।
8 अगस्त 2019: रामलला विराजमान ने हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया और कहा कि मुकदमा उनका मंजूर किया गया था लिहाजा कोर्ट को इस जमीन का बंटवारा नहीं करना चाहिए था।9 अगस्त 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई रोजाना करने की बात कही। मुस्लिम पक्ष (एम सिद्दिकी और आल इंडिया सुन्नी वक्फ बोर्ड) की तरफ से सप्ताह में पांच दिन सुनवाई का विरोध करते हुए स्थिति स्पष्ट करने की मांग भी हुई।
13 अगस्त 2019: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें सुनवाई की कोई जल्दी नहीं है, पक्षकार अपने हिसाब से समय लेकर अपना पक्ष रख सकते हैं।14 अगस्त 2019: रामलला विराजमान की तरफ से अपने पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक दस्तावेज और पुरातात्विक सुबूत पेश किए गए।21 अगस्त 2019: सुप्रीम कोर्ट ने पक्षकारों से कहा कि आस्था पर कोई सवाल नहीं है लेकिन स्थान का सवाल है। लिहाजा सुबूत मुहैया करवाओ। रामलला विराजमान की तरफ से बहस हुई पूरी। राम जन्मभूमि पुररुद्धार समिति ने शुरू की बहस।
22 अगस्त 2019: सुप्रीम कोर्ट में उन हलफनामों का जिक्र किया गया जिसमें मुस्लिमोंं द्वारा यह कहा गया था कि यदि विवादित स्थल का मालिकाना हक हिंदुओं को दिया जाता है तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं होगा। कोर्ट से इस पर गौर करने की अपील की गई।27 अगस्त 2019: अखिल भारतीय श्रीराम जन्मभूमि पुररुद्धार समिति का कहना था कि मीर बाकी नाम का कोई शख्स नहीं था और न ही यहां पर कभी बाबर आया था।
28 अगस्त 2019: अखिल भारतीय श्रीराम जन्मभूमि पुररुद्धार समिति ने दलील दी कि राम जन्मभूमि के राजस्व रिकॉर्ड में छेड़छाड़ हुई है।29 अगस्त 2019: मुस्लिम पक्ष ने अखिल भारतीय श्रीराम जन्मभूमि पुररुद्धार समिति द्वारा दी गई दलीलों पर आपत्ति जाहिर की। इस पक्ष का कहना था कि समिति की तरफ से किस्से कहानियां कोर्ट में सुनाएजा रहे हैं।30 अगस्त 2019: उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हिंदू पक्ष का खुलकर समर्थन किया।
2 सितंबर 2019: मुस्लिम पक्ष बोला ढांचे के नीचे नहीं था विशाल मंदिर का अवशेष।3 सितंबर 2019: मुस्लिम पक्ष की तरफ से दिसंबर 1949 का तिथी वार पूरा ब्यौरा पेश किया गया।4 सितंबर 2019: सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में माना कि विवादित स्थल पर हिंदू पूजा करते थे।5 सितंबर 2019: निर्मोही अखाड़े के सेवादार होने के दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद होने का दावा कर रहे पक्ष के वकील से पूछे कई सवाल।
12 सितंबर 2019: मुस्लिम पक्ष ने 22-23 दिसंबर 1949 की रात को घटी घटना को गैरकानूनी बताया। मुस्लिम पक्ष ने माना की निर्मोही अखाड़ा ही वहां का प्रबंधन देख रहा था। 13 सितंबर 2019: कोर्ट ने राम जन्म स्थान को न्यायिक व्यक्ति बताते हुए उसकी तरफ से जमीन पर मालिकाना हक का दावा किए जाने का विरोध करने वाले मुस्लिम पक्ष से पूछा कि वो कौन सी विशेषताएं हैं जो जन्मस्थान को देवता की तरह न्यायिक व्यक्ति मानने के लिए जरूरी होनी चाहिए।
16 सितंबर 2019: जन्मस्थान को देवता मानने का मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में किया जमकर विरोध।17 सितंबर 2019: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा क्या मस्जिद में हो सकती हैं देवी देवताओं की कलाकृतियां।18 सितंबर 2019: कोर्ट ने अयोध्या मामले में सभी पक्षों को 18 अक्टूबर तक बहस पूरी करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई बादस्तूर जारी रहेगी। इस बीच यदि मध्यस्थता के जरिए मामले को सुलझाना चाहते हैं तो सभी पक्ष ऐसा भी कर सकते हैं।
19 सितंबर 2019: सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने मांगी माफी।20 सितंबर 2019: मुस्लिम पक्ष ने कहा कि सामाजिक और राजनीतिक मकसद की पूर्ति को रामलला की तरफ से मुकदमा दायर किया गया। इसमें पुरानी चीजों को नए ढंग से पेश करने की कोशिश की गई।23 सितंबर 2019: कोर्ट ने कहा कि यदि हिंदुओं की आस्था को चुनौती दी गई तो मुश्किल होगी। मुस्लिमों के लिए जैसे मक्का है वैसे ही हिंदुओं के लिए अयोध्या है।
24 सितंबर 2019: सुन्नी बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में राम चबूतरा को माना राम जन्मस्थान।25 सितंबर 2019: एएसआई रिपोर्ट पर सुन्नी वक्फ बोर्ड की आपत्ति पर कोर्ट ने उठाए सवाल। बोर्ड ने कहा कि विवादित ढांचे के नीचे नहीं था मंदिर। 26 सितंबर 2019: सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि 18 अक्टूबर से आगे नहीं बढ़ेगी अयोध्या मामले पर सुनवाई। हर हाल में करनी होगी तब तक बहस पूरी।27 सितंबर 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि एएसआई की रिपोर्ट विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई है, लिहाजा इसको खारिज नहीं किया जा सकता है।30 सितंबर 2019: मुस्लिम पक्ष ने कहा कि बाबर ने उस वक्त जो कुछ किया उसको अब अदालत नहीं जांच सकती।1 अक्टूबर 2019: हिंदू पक्ष ने कहा कि एएसआई को बदनाम करने की हो रही है साजिश।4 अक्टूबर 2019: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए तय समय अवधि को घटाते हुए 17 अक्टूबर तक इसको पूरी करने का दियाआदेश।14 अक्टूबर 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा आखिर हिंदुओं को पूजा का अधिकार देने से मुस्लिम पक्ष का दावा कैसे कमजोर हो सकता है। सुन्नी वक्फ बोर्ड की अपील पर बहस हुई पूरी। 16 अक्टूबर 2019: अयोध्या मामले में 40 दिनों तक लगातार चली सुनवाई हुई पूरी। सभी पक्षों ने पूरी की बहस। कोर्ट ने पक्षकारों को वैकल्पिक मांगों के मुद्दे पर तीन दिन के अंदर लिखित दलीलें दाखिल करने की छूट दी।19 अक्टूबर 2019: अयोध्यामामले में पक्षकारों ने पेश की वैकल्पिक मांगें।20 अक्टूबर 2019: छह मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में वैकल्पिक राहत पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कोर्ट अपना फैसला देश के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ले। पक्ष का कहना था कि इस फैसले का असर भावी पीढि़यों और देश की राजनीति पर पड़ेगा।