Move to Jagran APP

दिल्ली गैंगरेप: यूं चला घटनाक्रम

राष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 को एक फिजियोथेरेपिस्ट युवती के साथ चलती चार्टर्ड बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया। उसे यातना दी गई। उसके साथ मौजूद उसके दोस्त को भी मारा-पीटा और निर्वस्त्र कर चलती बस से फेंक दिया गया। देश-दुनिया को हिला देने वाली इस घटना पर आइये एक नजर डालते हैं:

By Edited By: Updated: Wed, 11 Sep 2013 05:01 AM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 को एक फिजियोथेरेपिस्ट युवती के साथ चलती चार्टर्ड बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया। उसे यातना दी गई। उसके साथ मौजूद उसके दोस्त को भी मारा-पीटा और निर्वस्त्र कर चलती बस से फेंक दिया गया। देश-दुनिया को हिला देने वाली इस घटना पर आइये एक नजर डालते हैं:

16 दिसंबर

फिजियोथेरेपिस्ट युवती रात नौ बजे अपने दोस्त के साथ दिल्ली के साकेत मॉल में फिल्म देखकर घर रवाना हुई। दोनों ऑटो से मुनिरका पहुंचे। यहां वे एक चार्टर्ड बस में चढ़े।

बस में ड्राइवर सहित छह लोग थे। सभी नशे में थे। इन्होंने दोनों के साथ अभद्रता की। दोस्त के आपत्ति जताने पर उसे सरिये से मारा, जिससे वह बेहोश हो गया। इसके बाद इन्होंने युवती से रेप किया और काफी देर तक उसे मारते-पीटते रहे। इनमें से एक ने युवती के गुप्तांगों में सरिये की रोड घुसा दी, जिससे उसकी आंते बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।

अपना जुर्म छिपाने के लिए उन्होंने दोनों के कपड़े उतार दिए और महिपालपुर के पास उन्हें बस से फेंक दिया। राहगीरों ने दोनों को देखा और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया।

17 दिसंबर

-सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज।

-युवती की हालत बिगड़ी, दो सर्जरी की गई।

-मुख्य आरोपी राम सिंह गिरफ्तार।

19 दिसंबर

-तीन अन्य आरोपी विनय, पवन और मुकेश गिरफ्तार।

-अदालत में विनय और पवन ने गलती स्वीकार की और विनय ने फांसी की सजा मांगी।

-पीड़िता के दोस्त ने अदालत में बयान दर्ज कराया।

-हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस से मामले की रिपोर्ट मांगी।

20 दिसंबर

-घटना से आक्रोशित लोगों ने जंतर-मंतर, इंडिया गेट और विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन किया।

21 दिसंबर

-पुलिस ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की। अदालत ने रिपोर्ट पर असहमति जताई। पुलिस आयुक्त से घटना वाली रात ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के नाम मांगा गया।

22 दिसंबर

-एसडीएम ने अस्पताल में जाकर पीड़ित युवती का बयान दर्ज किया।

-प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन का घेराव किया।

23 दिसंबर

-इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रहे युवकों और पुलिसकर्मियों में झड़प। कांस्टेबल सुभाष तोमर को अस्पताल में दाखिल कराया गया।

24 दिसंबर

-एसडीएम ने बयान दर्ज करने के दौरान डीसीपी छाया शर्मा व दो एसीपी पर व्यवधान डालने का आरोप लगाया। मंडलायुक्त ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भेजी।

26 दिसंबर

-पीड़ित युवती की हालत बिगड़ी। उसे एयर एंबुलेंस से सिंगापुर स्थित माउंट एलिजाबेथ अस्पताल भेजा गया।

27 दिसंबर

-पीड़िता की हालत और अधिक बिगड़ी। सिंगापुर के डॉक्टरों ने बताया कि पीड़िता के सिर में गंभीर चोट है।

28 दिसंबर

-चिकित्सकों ने लंदन के एक विशेषज्ञ डॉक्टर को पीड़ित की जांच के लिए बुलाया। देर शाम पीड़ित युवती की हालत बेहद नाजुक हुई।

-इंडिया गेट पर धारा 144 लगाकर रास्ते बंद करने की पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर।

29 दिसंबर

-मध्य रात्रि के बाद 2.15 बजे सिंगापुर में पीड़ित युवती की मौत।

-राजधानी छावनी में तब्दील, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन।

30 दिसंबर

-तड़के 3.30 बजे पीड़ित युवती का शव विमान से दिल्ली पहुंचा। सुबह 7.30 बजे पीड़ित युवती का द्वारका के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार।

31 दिसंबर

-जंतर-मंतर पर युवाओं का विरोध प्रदर्शन।

1 जनवरी

-जंतर-मंतर पर प्रदर्शन, दो किसानों ने की भूख हड़ताल।

3 जनवरी

-पुलिस ने साकेत कोर्ट में पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।

-वारदात में इस्तेमाल बस के मालिक दिनेश यादव को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया।

6 जनवरी

-आरोपी पवन और विनय ने सरकारी गवाह बनने की इच्छा जताई, पुलिस ने मांग को खारिज किया।

17 जनवरी

-फास्ट ट्रैक कोर्ट में पहुंचा वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म का मामला।

21 जनवरी

-फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।

2 फरवरी

-कोर्ट ने राम सिंह, मुकेश, विनय, पवन और अक्षय के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में दायर चार्जशीट पर आरोप तय किए।

4 फरवरी

-पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पूरक चार्जशीट दायर की।

5 फरवरी

-साकेत कोर्ट में पीड़िता के दोस्त ने बयान दर्ज कराए।

11 मार्च

-तिहाड़ जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में आरोपी राम सिंह की मौत, शव फांसी पर लटका मिला।

5 अप्रैल

-तिहाड़ जेल में कैदियों ने आरोपी विनय का हाथ तोड़ा।

11 अप्रैल

-आरोपी पवन और विनय ने अर्जी दायर कर कहा कि वे घटना की रात बस में नहीं थे।

17 मई

-पीड़िता की मां साकेत कोर्ट में गवाह के तौर पर पेश हुई और कहा कि उसकी बेटी को न्याय दिया जाए।

4 जून

-नाबालिग आरोपी 18 साल का हुआ।

22 अगस्त

-सुप्रीम कोर्ट ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को फैसला देने की अनुमति दी। नाबालिग की उम्र को लेकर सुब्रहमण्यम स्वामी की तरफ से दायर याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया।

31 अगस्त

-जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई।

3 सितंबर

-साकेत कोर्ट में आरोपी मुकेश, पवन, विनय और अक्षय की ओर से बचाव पक्ष की अंतिम जिरह पूरी, अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर