बंद से असम ठप, दार्जिलिंग बेहाल
कोलकाता [जागरण न्यूज नेटवर्क]। अलग-अलग राज्य गठन के लिए असम में चल रहे आंदोलनों व बंद के आह्वान से प्रदेश के मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों तक जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सोमवार से बोडोलैंड की मांग को लेकर अखिल असम बोडो छात्रसंघ [आब्सू] व अखिल कोच राजवंशी [आक्रासू] के बंद का व्यापक असर रहा। इस दौरान कार्बी आंगलांग में जारी कर्फ्यू में छह घंटे की छूट दी गई। जबकि बंगाल के दार्जिलिंग में गोरखालैंड की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन बंद के तीसरे दिन भी लोग घरों में दुबके रहे। यहां कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंगाल सरकार ने गृह सचिव को भेजा है।
कोलकाता [जागरण न्यूज नेटवर्क]। अलग-अलग राज्य गठन के लिए असम में चल रहे आंदोलनों व बंद के आह्वान से प्रदेश के मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों तक जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सोमवार से बोडोलैंड की मांग को लेकर अखिल असम बोडो छात्रसंघ [आब्सू] व अखिल कोच राजवंशी [आक्रासू] के बंद का व्यापक असर रहा। इस दौरान कार्बी आंगलांग में जारी कर्फ्यू में छह घंटे की छूट दी गई। जबकि बंगाल के दार्जिलिंग में गोरखालैंड की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन बंद के तीसरे दिन भी लोग घरों में दुबके रहे। यहां कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंगाल सरकार ने गृह सचिव को भेजा है।
बोडोलैंड बंद के दौरान असम में अन्य राज्यों से उपभोक्ता वस्तुओं को लेकर आने वाले सैंकड़ों ट्रक प्रदेश की सीमा पर खड़े रहे। सड़क व रेल परिवहन ठप होने से लोगों को यातायात में खासी परेशानी हुई। बंद समर्थकों ने सुबह शोणितपुर जिले में यात्री बसों पर पथराव किया और दो मोटरसाइकिलों में आग लगा दी। इस दौरान आब्सू के अध्यक्ष प्रमोद बोडो ने ईद को देखते हुए 60 घंटे के बंद को घटाकर 48 घंटे करने की घोषणा की। आक्रासू बंद का सबसे ज्यादा असर बंगाईगांव जिले पर दिखा। कार्बी आंगलांग में गत बुधवार से जारी कर्फ्यू में सोमवार को छह घंटे की ढील दी गई। इस दौरान डिफू शहर में उपद्रवियों ने वन विभाग के एक कार्यालय को जलाने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया।