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88 साल के तिवारी बने दूल्हा-उज्ज्वला दुल्हन

उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता नारायण दत्त तिवारी ने 88 वर्ष की उम्र में 70 वर्षीया उज्ज्वला शर्मा से बुधवार रात गुपचुप तरीके से शादी रचा ली। बृहस्पतिवार को उज्ज्वला और तिवारी ने मीडिया के समक्ष इस नए रिश्ते का इजहार किया, साथ ही शादी से संबंधित तस्वीरें सार्वजनिक कीं। दोनों ने अपनी नई पारी की शुरुआत के लिए शुभकामनाओं की अपेक्षा के साथ खुशी जाहिर की।

By Edited By: Updated: Fri, 16 May 2014 12:59 AM (IST)
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लखनऊ, जागरण ब्यूरो। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता नारायण दत्त तिवारी ने 88 वर्ष की उम्र में 70 वर्षीया उज्ज्वला शर्मा से बुधवार रात गुपचुप तरीके से शादी रचा ली। बृहस्पतिवार को उज्ज्वला और तिवारी ने मीडिया के समक्ष इस नए रिश्ते का इजहार किया, साथ ही शादी से संबंधित तस्वीरें सार्वजनिक कीं। दोनों ने अपनी नई पारी की शुरुआत के लिए शुभकामनाओं की अपेक्षा के साथ खुशी जाहिर की।

छह साल अदालत में चले पितृत्व विवाद के बाद उज्ज्वला के पुत्र रोहित शेखर को अपना बेटा मान चुके एनडी ने उज्ज्वला को भी बतौर पत्नी स्वीकार कर लिया। हालांकि दोनों के साथ रहने को लेकर भी कई दिनों विवाद की स्थिति बनी रही और पुलिस को भी मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। लखनऊ के माल एवेन्यू स्थित आवास 'आरोही' में शादी के बाद पत्रकारों के सामने आए तिवारी ने कहा, मेरी विद्वान पत्नी डॉ. उज्ज्वला और मैं आप सबसे आशीर्वाद चाहते हैं। गुपचुप तरीके से शादी रचाने के सवाल पर तिवारी ने अपनी पत्नी की ओर देखते हुए कहा कि इन लोगों को क्यों नहीं बुलाया गया तो उज्ज्वला ने कहा कि सब-कुछ जल्दी में हो गया। पिछले कुछ दिनों से लिव-इन-रिलेशन में रह रहे एनडी तिवारी और उज्ज्वला ने बुधवार को अचानक शादी की। कुछ करीबी रिश्तेदारों और स्टाफ की मौजूदगी में हुई इस शादी में उज्ज्वला के भाई डॉ. तरुण कुमार और भाभी डॉ. रेखा ने कन्यादान किया। पहाड़ी रीति रिवाज से शादी संपन्न हुई जिसमें तिवारी के बड़े भाई की भूमिका निभाने के लिए उनसे बड़ा कोई नहीं मिला, लेकिन उनके ओएसडी अरुण शुक्ला सहबाला बने। कन्या पक्ष की तरफ से भी दुल्हन बनीं उज्ज्वला को आभूषण और साड़ियां दी गई, जबकि एनडी तिवारी की ओर से उन्हें मंगलसूत्र और अन्य जेवरात दिए गए। खासतौर से पर्वतीय इलाकों में शादी के समय प्रयोग होने वाला पिछौड़ा (ओढ़नी) पहनाकर शादी कराई गई। एनडी तिवारी ने शेरवानी पहनकर सेहरा बांधे दूल्हे के रूप में उज्ज्वला को फूलों का हार पहनाया तो गहनों से सजी मेहंदी रचे हाथों से उज्ज्वला ने भी उनके गले में हार डाल दिया। वैदिक मंत्रों के बीच पार्क रोड स्थित हनुमान आश्रम के पंडित प्रेम नारायण शुक्ल ने नव दंपति को सात वचन निभाने का संकल्प दिलाया।

शादी को चुना बुद्ध पूर्णिमा का दिन

उज्ज्वला बताती हैं कि एनडी तिवारी ने ही शादी के लिए बुद्ध पूर्णिमा का दिन चुना। पुरोहित से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि शाम को सात बजे से दस बजे का मुहूर्त अच्छा रहेगा। चूंकि तिवारी जी के मन में शादी का विचार पहले से चल रहा था और वह सार्वजनिक रूप से हमारे रिश्ते को मान्यता देना चाहते थे, इसलिए यह शादी तय की गई। 1993 में तिवारी की पहली पत्नी डॉ. सुशीला तिवारी का निधन हो गया था।

गंधर्व विवाह तो पहले ही हो गया था

अब तक आप आरोही में अतिथि की तरह रहीं, लेकिन अब विवाह होने पर कैसा महसूस हो रहा है? इस सवाल पर उज्ज्वला ने कहा कि मैं यहां कभी भी अतिथि की तरह नहीं रही। गंधर्व विवाह तो पहले ही हो गया था। हां, मुझे पहली बार ऐसा लग रहा है कि अपने घर में हूं और सुरक्षित हूं। उज्ज्वला ने बताया कि शादी की बात तय होने पर यहां पार्लर से लड़कियां और आई और जब मुझे मेहंदी सजा रही थीं तो मेरा मन बहुत भावुक हो गया था।

हनीमून पर नहीं जाएंगे तिवारी

उज्ज्वला ने सहजता से जवाब दिया कि इस समय राजनीतिक माहौल है और पूरे देश में नई सरकार की आहट को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ी है, ऐसे में तिवारी जी कहीं और जाना पसंद नहीं करेंगे। यही सवाल जब तिवारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अब आप सबको छोड़कर मैं कहां जाऊंगा। बाद में वह लोग नैनीताल जाएंगे।

रोहित को लेकर कोई नई योजना नहीं

एनडी-उज्ज्वला अपने पुत्र रोहित शेखर को लेकर कोई नई योजना नहीं बना रहे हैं। दोनों ने कहा कि बेटे के भविष्य को लेकर अभी कोई खास प्लान नहीं है।

प्रॉपर्टी से नहीं तिवारी से हृदय का संबंध

क्या यह सब एनडी की प्रापर्टी के लिए हो रहा है? यह सवाल उज्ज्वला को चुभ गया। उन्होंने कहा कि जो लोग तिवारी जी के प्रभाव का लाभ उठा रहे थे, वही ऐसी अफवाहें उड़ा रहे हैं। हमारा तिवारी जी की प्रॉपर्टी से नहीं, उनसे हृदय का संबंध है। तिवारी जी शतायु हों।

शादी में नहीं आए एनडी के परिवारीजन

एनडी की शादी में उनके परिवार के लोग शामिल नहीं हुए। एनडी के भाई प्रोफेसर रमेश तिवारी इस बारे में कहते हैं कि यह उनकी मर्जी है।

भोज भी देंगे

एनडी व उज्ज्वला की शादी को कानूनी रूप देने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसकी जिम्मेदारी तिवारी के ओएसडी अरुण शुक्ल संभाल रहे हैं और शादी के समय से ही उमाकांत समेत कई अधिवक्ता इस कार्य में जुट गए हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद तिवारी के समर्थकों, शुभचिंतकों तथा रिश्तेदारों को भोज दिया जाएगा।

उज्जवला-भवानी का विवाद

अदालत द्वारा उज्जवला शर्मा के पुत्र रोहित शेखर को एनडी तिवारी का जैविक पुत्र ठहराये जाने के बाद उज्जवला शर्मा आठ मार्च को एनडी तिवारी के साथ रहने लगीं। 16 अप्रैल तक वह एनडी के साथ रहीं। 17 अप्रैल की रात्रि को उज्जवला को अपमानित करके बाहर कर दिया गया। इसके बाद 21 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने एनडी को रोहित शेखर का जैविक पिता घोषित कर दिया। 29 अप्रैल को उज्जवला शर्मा लखनऊ हजरतगंज में काफी हाऊस में एनडी तिवारी को बैठे देख उनसे मिलने गई तो एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया। ओएसडी भवानी भट्ट ने उज्जवला पर काफिला रोकने का आरोप लगाते हुए हजरतगंज कोतवाली में तहरीर दे दी, जबकि उज्जवला का कहना था कि वह तो मिलने गई थी और तिवारी जी उन्हें अपने साथ ले जाना चाहते थे। इस घटना के बाद उज्जवला ने तिवारी के साथ रहने के लिए मोर्चा खोल दिया था।

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'अभी 88 साल के एनडी तिवारी ने शादी की पोशाक पहनी है। अगली बारी दिग्विजय सिंह की है। इसके बाद ऐसी शादी के लिए कांग्रेस के अन्य नेता भी सामने आएंगे।' - सुशील कुमार मोदी, वरिष्ठ भाजपा नेता

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