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इशरत मुठभेड़ में एक्शन हीरो की भूमिका में थे पीपी पांडे

इशरत जहां मुठभेड़ मामले में अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर को रद कराने की गुजरात के एडिशनल डीजीपी पीपी पांडे की मांग पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला एक जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया। कोर्ट में सीबीआइ ने पीपी पांडे को मुठभेड़ का मास्टरमाइंड बताया। उसके मुताबिक पांडे ने मुठभेड़ के दौर

By Edited By: Updated: Sat, 29 Jun 2013 09:03 AM (IST)

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। इशरत जहां मुठभेड़ मामले में अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर को रद कराने की गुजरात के एडिशनल डीजीपी पीपी पांडे की मांग पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला एक जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया। कोर्ट में सीबीआइ ने पीपी पांडे को मुठभेड़ का मास्टरमाइंड बताया। उसके मुताबिक पांडे ने मुठभेड़ के दौरान एक्शन हीरो रैंबो की तरह भूमिका निभाई थी।

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पुलिस अधिकारी पीपी पांडे को 21 जून को सीबीआइ कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था। शुक्रवार को उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस हर्षा देवानी ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला एक जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया। अपनी याचिका में पांडे ने कहा कि उन्होंने सिर्फ खुफिया जानकारी को आगे बढ़ाया था। इसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले के लिए कुछ आतंकी गुजरात में प्रवेश करने की कोशिश में हैं। इसके जवाब में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह ने कहा कि पांडे इस मुठभेड़ के मास्टरमाइंड थे। इस मुठभेड़ का नेतृत्व उन्होंने ही किया था।

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