हिजबुल मुजाहिदीन का डिवीजनल कमांडर बुरहान वानी मुठभेड़ में हुआ ढेर
अनंतनाग जिले के कोकरनागर में सुरक्षालबों के साथ हुई मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर मारा गया।
श्रीनगर, प्रेट्र। अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में सुरक्षाबलों के साथ जारी मुठभेड में हिजबुल मुजाहिदीन का डीविजनल कमांडर बुरहान वानी शुक्रवार की शाम को मारा गया। राज्य पुलिस महानिदेशक के. राजेंद्र ने भी इसकी पुष्टि की है। इसे मौजूदा वर्ष के दौरान आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की अब तक की सबसे बडी कामयाबी बताया जा रहा है।
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, ये मुठभेड़ उस वक्त शुरू हुआ जब आतंकी के होने की एक गुप्त सूचना के आधार पर सेना और पुलिस की संयुक्त दल ने कोकरनाग के बुमूदारा गांव में तलाशी अभियान शुरू किया। जिस वक्त सुरक्षाबल तलाशी अभियान चला रहे थे कि अचानक छिपे हुए आतंकियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। जिसके जवाब में संयुक्त दल की तरफ से हुई गोलीबारी में आतंकी बुरहान मारा गया।
15 साल से हिजबुल का वांछित आतंकी दिलावर मीर पकड़ा गया
वर्ष 2010 से सक्रिय आतंकी कमांडर बुरहान की मौत की खबर फैलते ही बमडुरा, कोकरनाग और त्राल के विभिन्न हिस्सों में लोग सुरक्षाबलों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर आए। उन्होंने सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए पथराव शुरु कर दिया। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को भी बल प्रयोग करना पड़ा।
पुलिस महानिदेशक के राजेंद्रा ने बुरहान वानी के मारे जाने कीपुष्टिï करते हुए कहा कि यह सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। उसके साथ सरताज अहमद और आमिर खान नामक आतंकी मारे गए हैं। बुरहान के जिंदा अथवा मुर्दा पकड़े जाने पर दस लाख का नकद ईनाम था।
अनंतनाग से मिली जानकारी के अनुसार, सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता के जरिए स्थानीय युवकों को आतंकी संगठन में भर्ती करने में जुटा बुरहान वानी अपने दो अन्य साथियों सरताज अहमद व आमिर खान के साथ बमडुरा में अपने एक ठिकाने पर गत रोज आया था। बताया जाता है कि यह ठिकाना सरताज अहमद के एक निकट संबंधी के मकान में बना हुआथा।
सरताज अहमद लगभग 16 साल पुराना आतंकी है। उसने सुरक्षाबलों के समक्ष कुछ साल पहले सरेंडर किया था,लेकिन दो साल पहले वह फिर हिजबुल मुजाहिदीन का सक्रिय सदस्य बन गया था। वह बुरहान के करीबियों में गिना जाता था। संंबधित अधिकारियों ने बताया कि डाडसर-त्राल के रहने वाले 22 वर्षीय बुरहान के बमडुऱा में छिपे होने की सूचना मिलते ही सेना की 19 आरआर व राज्य पुलिस के संयुक्त कार्यदल ने घेराबंदी शुरु कर दी। शाम चार बजे के करीब सुऱक्षाबलों ने आतंकी ठिकाने की घेराबंदी करते हुए आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहा। लेकिन आतंकियों ने इस अनसुना कर दिया।
सरताज अहमद ने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड फेंकते हुए अंधाधुंध फायरिंग कर अपने अन्य साथियों को वहां से भगाने का प्रयास किया। इस दौरान एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। लेकिन आतंकियों के भागने का मंसूबा नाकाम रहा। सबसे पहले सरताज मारा गया। बुरहान व उसके साथी ने दोबारा मकान के भीतर शरण लेते हुए फायर जारी रखा। जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की और जिंदा बचे बुरहान व उसके साथी को भी मार गिरया। इस दौरान हुए बम धमाकों में आतंकी ठिकाना बना मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया।