रेल बजट: आसान हुआ तीर्थाटन, चार धाम तक जाएगी ट्रेन
केदारनाथ और बदरीनाथ के दुर्गम रास्तों को अब रेल संपर्क सुगम बनाएगा। पिछले साल केदारनाथ त्रासदी के वक्त ही इसका संकेत दे चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले रेल बजट में उत्तराखंड के चार धामों में शामिल केदारनाथ और बदरीनाथ तक रेल लाइन के सर्वेक्षण की मंशा जता दी गई है। करीब एक दर्जन धार्मिक टूरिज्म सर्किट की
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो] केदारनाथ और बदरीनाथ के दुर्गम रास्तों को अब रेल संपर्क सुगम बनाएगा। पिछले साल केदारनाथ त्रासदी के वक्त ही इसका संकेत दे चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले रेल बजट में उत्तराखंड के चार धामों में शामिल केदारनाथ और बदरीनाथ तक रेल लाइन के सर्वेक्षण की मंशा जता दी गई है। करीब एक दर्जन धार्मिक टूरिज्म सर्किट की पहचान कर रेल चलाने का प्रस्ताव है। यानी एक तरफ रेल यात्रियों की आस्था को सहलाने की कोशिश हुई तो यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि रेल की सेहत सुधरे।
पर्यटन किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा होता है। आंकड़े बताते हैं कि भारतीय ज्यादातर घरेलू पर्यटन के रूप में तीर्थ यात्राएं करते हैं। विदेशी पर्यटकों के बीच ताजमहल के अलावा वाराणसी, रामेश्वरम, बौद्ध सर्किट जैसे क्षेत्र लोकप्रिय हैं। रेल बजट में सरकार ने आस्था को भी अपने विकास एजेंडा से जोड़ लिया। रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने बजट पेश करते हुए कहा, चार धाम के लिए रेल लाइन का सर्वेक्षण किया जाएगा। खुद मोदी केदारनाथ त्रासदी के वक्त इसका इजहार कर चुके थे। चार धाम को रेल लाइन से जोड़ने की परिकल्पना नई सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है। इसके अलावा देवी सर्किट, ज्योतिर्लिग सर्किट, जैन सर्किट, क्रिश्चियन सर्किट, मुस्लिम व सूफी सर्किट, सिख सर्किट, बौद्ध सर्किट, प्रसिद्ध मंदिर सर्किट की पहचान कर ली गई है। इन रास्तों पर विशेष पैकेज ट्रेन चलेगी जिसमें निजी भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाएगा। रामेश्वरम से बेंगलूर, अयोध्या, वाराणसी, हरिद्वार के लिए भी एक ट्रेन चलेगी तो दूसरी ट्रेन बागलकोट, बीजापुर और सोलापुर के रास्ते पंढरपुर तक चलाई जाएगी जो कर्नाटक और महाराष्ट्र के तीर्थ स्थलों को जोड़ेगी। पूर्वोत्तर के पहाड़ी राज्यों में स्थित तीर्थ स्थलों तक तो ट्रेन जाना मुश्किल है, लेकिन वहां ईको और एजुकेशन टूरिज्म शुरू हो सकता है।