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दुष्कर्म के दोषी किशोरों को वयस्कों की तरह मिले सजा: मेनका

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों के मामले में किशोरों को वयस्कों की तरह ही सजा मिलनी चाहिए। चेन्नई में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सेक्स से जुड़े 50 प्रतिशत अपराध 16 साल के किशोर करते हैं, जिन्हें पता है कि वे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के चलते बच जाएंगे।

By Edited By: Updated: Sun, 13 Jul 2014 06:26 PM (IST)

चेन्नई। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों के मामले में किशोरों को वयस्कों की तरह ही सजा मिलनी चाहिए। चेन्नई में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सेक्स से जुड़े 50 प्रतिशत अपराध 16 साल के किशोर करते हैं, जिन्हें पता है कि वे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के चलते बच जाएंगे।

मेनका ने बताया कि अब हम गंभीर अपराधों [योजना बनाकर की जाने वाली हत्या और बलात्कार] के मामलों में किशोरों को वयस्कों की तरह सजा दिलाए जाने की योजना पर काम कर रहे हैं। इससे पहले पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने भी गंभीर अपराध करने वाले 16 साल से बड़ी उम्र के किशोरों से वयस्कों जैसा बर्ताव करने का प्रस्ताव रखा था। इसका कई गैर सरकारी संगठनों ने यह कहते हुए विरोध किया था कि यह बाल अधिकारों के खिलाफ है।

सार्वजनिक उपक्रमों की मदद से महिला-शौचालय

मेनका गांधी ने यह भी बताया कि सरकार सार्वजनिक उपक्रमों की मदद से महिलाओं के लिए शौचालय तैयार कराने की योजना बना रही है। उन्होंने सार्वजनिक उपक्रमों से अपील की कि वे इस काम के लिए आगे आएं। उन्होंने बताया कि उपक्रमों की मदद के लिए सरकार नीतियां तैयार कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए शिक्षा, रोजगार, बेहतर पुलिस और रेप क्राइसिस सेंटर्स जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि सरकार के विभिन्न मंत्रालय अलग-अलग तरीके से इसके लिए काम कर रहे हैं।

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