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टिफिन बम मामले में दो को सजा

अजमेर की विशेष अदालत [टाडा] ने जयपुर में 30 सितंबर 1993 को माणक चौक, कोतवाली एवं जालूपुरा थाना इलाके में मिले टिफिन बम मामले में मंगलवार को चार आरोपियों में से दो को जुर्म साबित होने पर सजा सुनाई है, जबकि दो को बरी कर दिया।

By Edited By: Updated: Tue, 24 Apr 2012 08:51 PM (IST)
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अजमेर। अजमेर की विशेष अदालत [टाडा] ने जयपुर में 30 सितंबर 1993 को माणक चौक, कोतवाली एवं जालूपुरा थाना इलाके में मिले टिफिन बम मामले में मंगलवार को चार आरोपियों में से दो को जुर्म साबित होने पर सजा सुनाई है, जबकि दो को बरी कर दिया।

टाडा अदालत के न्यायाधीश कमल कुमार बागड़ी ने अबरार रहमत उर्फ कारी एवं जलिस अंसारी पर जुर्म साबित होने पर टाडा व विस्फोटक कानून के तहत दोषी करार दिया। अदालत ने कारी को तीन अलग-अलग धाराओं में बीस साल, पंद्रह साल व सात साल की कैद और तेरह हजार पांच सौ रुपये जुर्माना लगाया है। जलिस अंसारी को पंद्रह व सात साल की कैद और ग्यारह हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। तीनों सजाए साथ-साथ चलेगी।

अदालत ने जलाल अल्वी एवं हबीब अहमद को बरी कर दिया है। अदालत में पेश किए चालान के अनुसार पाकिस्तान में प्रशिक्षित कारी ने जयपुर के माणक चौक, कोतवाली एवं जालूपुरा थाना इलाके में बम विस्फोट करने की योजना बनाकर इन स्थानों पर टिफिन बम रखे थे। पांच स्थानों में से चार स्थलों पर बम के फटने से पहले ही पुलिस को जानकारी मिलने के कारण बड़ा हादसा होने से बच गया, जबकि एक स्थान पर धमाका होने से एक बच्चा घायल हो गया था व संपति को नुकसान हुआ था।

पुलिस ने जांच के बाद कारी, जलीस अंसारी, जलाल अल्वी व हबीब अहमद के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया। चारों आरोपी 20 दिसंबर 1998 से न्यायिक हिरासत में है।

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