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एप आधारित सभी कैब पर जारी रहेगी रोक

दिल्ली में एप आधारित सभी कैब कंपनियों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। परिवहन विभाग ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर यह जानकारी दी है। वहीं, अमेरिकी कंपनी उबर इंडिया सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड ने दिसंबर 2014 में दाखिल उस याचिका को वापस ले लिया है, जिसमें उसने रोक

By Abhishake PandeyEdited By: Updated: Wed, 07 Jan 2015 09:31 AM (IST)
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नई दिल्ली। दिल्ली में एप आधारित सभी कैब कंपनियों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। परिवहन विभाग ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर यह जानकारी दी है। वहीं, अमेरिकी कंपनी उबर इंडिया सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड ने दिसंबर 2014 में दाखिल उस याचिका को वापस ले लिया है, जिसमें उसने रोक हटाने की मांग की थी।

न्यायमूर्ति राजीव शकधर के समक्ष मामले की सुनवाई में परिवहन विभाग ने अदालत को बताया कि 1 जनवरी 2015 को विभाग ने नया आदेश जारी किया है। उबर व ओला कंपनी पर रोक जारी रखते हुए किसी भी एप आधारित कैब को दिल्ली में चलती पाए जाने पर कब्जे में लेने का निर्देश दिया गया है।

उबर के वकील राजीव नायर ने हाई कोर्ट में बताया कि ओला की कैब खुलेआम सड़कों पर दौड़ रहीं हैं। बुलाने पर हाई कोर्ट के बाहर से भी ओला की कैब ले सकते हैं, ऐसे में उबर के साथ भेदभाव क्यों? इस पर अदालत ने परिवहन विभाग से कड़े लहजे में पूछा कि ओला की कैब सड़कों पर क्यों चल रहीं हैं? विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए। परिवहन विभाग के उपायुक्त ने बताया कि विभाग उन सभी कैबों पर कार्रवाई कर रहा है, जो प्रतिबंध के बावजूद चल रहीं हैं। ऐसी कैबों पर भी नजर रखी जा रही है, जो चोरी-छिपे चल रहीं हैं। उनके मार्गो को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।

उपायुक्त ने कहा कि उबर की सेवा लेने पर यात्री क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते हैं और मोबाइल एप व कॉल सेंटर से परिचालन होता है। उसकी मांग कि उसे दिल्ली में परिचालन की अनुमति दी जाए पर दोबारा विचार करने की जरूरत नहीं है। उबर सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी उल्लंघन कर रही है, जिसमें दिल्ली में ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट के अंतर्गत केवल सीएनजी कैब चलने की बात कही गई है। उबर ने रेडियो टैक्सी स्कीम 2006 के तहत चलने की अनुमति मांगी है।

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