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गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना का भाजपा पर सबसे तीखा प्रहार

महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूटने के बाद अपनी पूर्व सहयोगी भाजपा पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट के अन्य मंत्रियों द्वारा महाराष्ट्र में चलाये जा रहे चुनाव प्रचार अभियान की तुलना 17वीं सदी में बीजापुर के सेनापति अफजल खान की सेना द्वारा शिवाजी के शासन पर किए गए हमले से की है। भाजपा के लिए मोदी एक शीर्ष नेतृत्व हैं, ऐसे में उनका गांव-गांव घूमना उनकी शान को शोभा नहीं देता, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के पास मोदी के अलावा दूसरा कोई सिक्का

By manoj yadavEdited By: Updated: Tue, 07 Oct 2014 10:12 AM (IST)
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उस्मानाबाद/मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूटने के बाद अपनी पूर्व सहयोगी भाजपा पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट के अन्य मंत्रियों द्वारा महाराष्ट्र में चलाये जा रहे चुनाव प्रचार अभियान की तुलना 17वीं सदी में बीजापुर के सेनापति अफजल खान की सेना द्वारा शिवाजी के शासन पर किए गए हमले से की है।

भाजपा के लिए मोदी एक शीर्ष नेतृत्व हैं, ऐसे में उनका गांव-गांव घूमना उनकी शान को शोभा नहीं देता, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के पास मोदी के अलावा दूसरा कोई सिक्का नहीं होने के कारण उसी सिक्के की खनक भाजपा वाले पूरे राज्य में सुनाते घूम रहे हैं। प्रधानमंत्री के पद की 'शान' रखी जानी चाहिए।

उद्धव ने यह हमला ऐसे समय में किया है जब पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में मोदी पर करारा हमला बोलते हुए दावा किया गया है कि उनकी अगुवाई वाली भाजपा ने शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपा है। उस्मानाबाद जिले के तुलजापुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा, भाजपा है क्या? पहले वे प्रचार के लिए प्रधानमंत्री को लाते हैं और फिर प्रधानमंत्री की पूरी कैबिनेट उनके लिए प्रचार करने आ जाती है। ये लोग अफजल खान की सेना की तरह हैं जो इस राज्य को जीतना चाहते हैं।

उद्धव ने आरोप लगाया कि अफजल की ही तरह भाजपा भी राज्य को टुकडों में बांटने की मंशा रखती है। हालांकि, शिवसेना नेता ने चेतावनी दी कि भाजपा का भी वही हश्र होगा जो अफजल खान का हुआ था।

गौरतलब है कि एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा था कि वो बालासाहब का सम्मान करते हैं इसलिए शिवसेना को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे तो दूसरी तरफ शिवसेना के मुखपत्र सामना में लगातार दूसरे दिन पीएम मोदी पर निशाना साधा गया है। सामना में लिखा है कि मोदी नाम की अगर इतनी ही महानता है तो फिर मोदी को गांव-गांव घूम कर प्रचार नहीं करना चाहिए बल्कि दिल्ली में ही बैठकर महाराष्ट्र की जनता को संदेश दे देना चाहिए।

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