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मुख्यमंत्री पद की दौड़ से पीछे हटे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे

मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने खुद को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की दौड़ से अलग कर लिया है। कुछ दिनों पहले उनकी पार्टी की तरफ से उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया गया था। उद्धव ठाकरे ने शनिवार को एक आम सभा में बोलते हुए कहा कि मुझे मुख्यमंत्री पद की इच्छा नहीं है। लेकिन कांग्र

By Edited By: Updated: Sun, 07 Sep 2014 02:40 PM (IST)
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मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने खुद को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की दौड़ से अलग कर लिया है। कुछ दिनों पहले उनकी पार्टी की तरफ से उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया गया था।

उद्धव ठाकरे ने शनिवार को एक आम सभा में बोलते हुए कहा कि मुझे मुख्यमंत्री पद की इच्छा नहीं है। लेकिन कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को हराने का आह्वान उन्होंने जोर-शोर से किया।

माना जा रहा है कि दो दिन पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से हुई मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे के विचार में यह परिवर्तन आया है। भाजपा के साथ अनावश्यक टकराव टालने की गरज से उन्होंने स्वयं को मुख्यमंत्री पद से अलग करना बेहतर समझा है। विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन में जिस दल के विधायक अधिक होंगे, उसे ही मुख्यमंत्री पद दिए जाने की परंपरा को आगे बढ़ाने पर वह सहमत हो गए हैं।

बता दें कि कुछ सप्ताह पहले शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे का नाम आगे करते हुए राज्य की राजनीति में शिवसेना द्वारा बड़े भाई की भूमिका निभाने की बात कही गई थी। राऊतके इस बयान के बाद ही दोनों दलों के बीच पैदा हुए तनाव के कारण अब तक सीट बंटवारे की बात आगे नहीं बढ़ सकी है।

माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे अब इस तनाव को खत्म कर सीटों के समझौते का मसला जल्द सुलझाना चाहते हैं। ताकि दोनों दल मिलकर प्रचार अभियान में लग सकें। साथ ही उन्होंने शिवसैनिकों को मिशन 150 का लक्ष्य देकर राज्य में अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए भी प्रेरित किया है। ताकि चुनाव बाद शिवसेना की सीटें भाजपा से कम न हों और मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना की दावेदारी बरकरार रहे।

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