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ठाकरे परिवार की फांस राजग के गले की हड्डी

मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। मुंबई में ठाकरे परिवार का आपसी मनमुटाव राजग के गले की हड्डी बनता जा रहा है। भाजपा छोटे भाई राज ठाकरे को राजग गठबंधन में शामिल करना चाहती है, लेकिन बड़े भाई उद्धव इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं।

By Edited By: Updated: Tue, 04 Mar 2014 08:51 PM (IST)
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मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। मुंबई में ठाकरे परिवार का आपसी मनमुटाव राजग के गले की हड्डी बनता जा रहा है। भाजपा छोटे भाई राज ठाकरे को राजग गठबंधन में शामिल करना चाहती है, लेकिन बड़े भाई उद्धव इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं।

राजग के महाराष्ट्र घटकों में नया उबाल सोमवार की शाम मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी की मुलाकात के बाद शुरू हुआ। मुंबई के एक पांचसितारा होटल में हुई यह मुलाकात शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को बिल्कुल रास नहीं आई।

राजग में भाजपा के इस सबसे पुराने सहयोगी ने तुरंत चेतावनी जारी कर दी कि भाजपा ने यदि मनसे से बात की तो गठबंधन पर असर पड़ सकता है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे गडकरी का मानना है कि लोकसभा की कुछ सीटें राज ठाकरे को देकर उन्हें राजग में शामिल किया जाना चाहिए। ताकि कांग्रेस विरोधी मतों का विभाजन रोका जा सके। लेकिन उद्धव को उनकी यह राय फूटी आंख नहीं सुहा रही है। वह राज ठाकरे को राजनीतिक रूप से खत्म होते देखना चाहते हैं।

इस विवाद में एक पेंच भाजपा की अंदरूनी राजनीति का भी नजर आ रहा है। महाराष्ट्र के दो दिग्गज गडकरी और गोपीनाथ मुंडे की आपसी तनातनी भी उद्धव-राज के बीच जल रही आग में घी का काम कर रही है। राज और उद्धव के बीच दोस्ती कराने की पहली पहल करीब दो साल पहले मुंडे ने ही की थी। तब राज नहीं माने थे। अब गडकरी की पहल पर राज का मान जाना मुंडे को रास नहीं आ रहा है। मुंडे और उद्धव ने मिलकर महाराष्ट्र में राजग में तीन और दलों को जोड़ लिया है।

ये दोनों नहीं चाहते कि अब और भीड़ बढ़ाई जाए। जबकि गडकरी राज को राजग के नजदीक लाकर न सिर्फ महाराष्ट्र में उनके कारण होने वाले नुकसान को रोकना चाहते हैं, बल्कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की नजर में अपनी उपयोगिता भी सिद्ध करना चाहते हैं।

भाजपा की राज्य इकाई गडकरी के साथ

नितिन गडकरी की मनसे प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात का राज्य इकाई ने समर्थन किया है। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, 'राज से मुलाकात का उद्देश्य गडकरी पहले ही बता चुके हैं।

उन्होंने कहा है कि अगर मनसे आम चुनाव लड़ती है तो इससे वोटों का बंटवारा होगा। गडकरी हमारे राष्ट्रीय नेता हैं। वह किसी से भी मिल सकते हैं। इसमें मेरी हामी की जरूरत नहीं है।'

पढ़ें: लोकसभा चुनाव लड़ने का मन नहीं बना पा रही मनसे

उन्होंने आगे कहा कि गत रात उन्हें उद्धव ठाकरे ने नहीं बुलाया था। बल्कि यह बैठक पहले से तय थी। गडकरी-राज मुलाकात पर इस बैठक में कोई चर्चा तक नहीं हुई। वहीं एक अन्य पार्टी नेता विनोद तावडे ने कहा कि अगर मनसे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ती है तो इससे भाजपा के साथ ही शिवसेना को भी फायदा होगा।