इस वाई-फाई में बिजली की जरूरत नहीं
कंप्यूटर वैज्ञानिकों ने ऐसा वाइ-फाइ सिस्टम विकसित करने का दावा किया है जिसमें दस हजार गुना कम बिजली खर्च होती है। इसकी स्पीड ब्लूटूथ से 11 गुना ज्यादा है। वैसे, कोशिश यह है कि यह सिस्टम इतना विकसित कर दिया जाए कि बिजली की जरूरत लगभग न के बराबर रहे।
जागरण डेस्क, नई दिल्ली। कंप्यूटर वैज्ञानिकों ने ऐसा वाइ-फाइ सिस्टम विकसित करने का दावा किया है जिसमें दस हजार गुना कम बिजली खर्च होती है। इसकी स्पीड ब्लूटूथ से 11 गुना ज्यादा है। वैसे, कोशिश यह है कि यह सिस्टम इतना विकसित कर दिया जाए कि बिजली की जरूरत लगभग न के बराबर रहे।
वाइ-फाइ के साथ सबसे बड़ी दिक्कत अभी बिजली की ही है। समस्या दुहरी है। अभी इस सिस्टम को चालू रखने के लिए तो बिजली की जरूरत होती ही है, इससे कनेक्ट किए जाने वाले डिवाइस की बैटरी भी जल्दी खर्च हो जाती है और उसे बार-बार रिचार्ज करना जरूरी होता है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग नेटवर्क विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर श्याम गोलाकोटा के अनुसार, इसका समाधान हमने ढूंढ लिया है।श्याम ने आइआइटी, मद्रास से बीटेक किया है।
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स्पीड से जूझ रहे
इस सिस्टम को पैसिव वाइ-फाइ नाम दिया गया है। इस पर पिछले कुछ दिनों से काम किया जा रहा है लेकिन इसकी क्षमता अब प्रमाणित कर दी गई है। इसी महीने होने वाली यूजनिक्स कार्यशाला में इस बारे में पेपर प्रस्तुत किया जाएगा। इसके ट्रांसमीशन का दायरा 100 फीट तक है। अभी इसकी स्पीड 11 मेगाबिट प्रति सेकेंड है। यह अधिकतम वाइ-फाइ स्पीड के खयाल से कम है लेकिन यह ब्लूटूथ से 11 गुना अधिक है। मेगाबाइट फाइल साइज के संबंध में होता है जबकि मेगाबिट डाउनलोड स्पीड को लेकर होता है। एक मेगाबिट .125 मेगाबाइट के बराबर होता है।
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क्या होगा फायदा
कंप्यूटर वैज्ञानिकों ने पूरे सिस्टम में कम-से-कम बिजली खर्च होने का पूरा बंदोबस्त किया है। इससे नेटवर्किंग पर लोड भी कम हो गया है। इसका फायदा घर से लेकर ऑफिस तक में तो होगा ही, ऐसे वायरलेस या रेडियो संवाद में भी आसानी होगी जहां बिजली की पहुंच बहुत कम या नहीं ही है। सामरिक प्रतिष्ठानों के खयाल से यह बड़े काम की चीज होगी।
लाइ-फाइ के लिए होइए तैयार
आने वाले दिनों में वाइ-फाइ से भी आगे लाइ-फाइ (लाइट फाइडेलिटी) के लिए तैयारी रहिए। इस सिस्टम में बस लाइट जलाकर आप वाइ-फाइ का उपयोग कर सकेंगे। यह विजिबल लाइट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी पर काम करेगा। इसकी गति प्रकाश वाली होगी। इसे इस तरह समझें कि अभी वाइ-फाइ से इसकी स्पीड 100 गुना अधिक होगी। इसे एक फ्रांसीसी कंपनी विकसित कर रही है। पिछले हफ्ते बार्सिलोना में हुए मोबाइल विश्व कांग्रेस में उम्मीद जताई गई कि इसकी लांचिंग दो साल में हो जाएगी।
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