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गंगा पर उमा ने पीएम को दिया प्रजेंटेशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा को निर्मल बनाने के लिए बनने वाली कार्य योजना पर खुद नजर रख रहे हैं। मोदी ने सोमवार को केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती से प्रजेंटेशन लेकर इस महत्वाकांक्षी योजना के विभिन्न पहलुओं को बारीकी से परखा।

By Edited By: Updated: Tue, 09 Sep 2014 12:21 AM (IST)
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हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा को निर्मल बनाने के लिए बनने वाली कार्य योजना पर खुद नजर रख रहे हैं। मोदी ने सोमवार को केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती से प्रजेंटेशन लेकर इस महत्वाकांक्षी योजना के विभिन्न पहलुओं को बारीकी से परखा।

यह पहला मौका है, जब गंगा नदी को निर्मल बनाने की किसी योजना पर प्रधानमंत्री ने प्रजेंटेशन लिया है। यह प्रजेंटेशन ऐसे समय हुआ है, जब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को गंगा को निर्मल बनाने की योजना तैयार करने के लिए तीन सप्ताह का वक्त दिया है।

इस प्रजेंटेशन के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसमें गंगा को निर्मल बनाने की चरणबद्ध योजना पेश की गई है।

सूत्रों ने कहा कि पीएम को प्रजेंटेशन देने से पहले भारती ने सड़क परिवहन, राष्ट्रीय राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी से योजना के मसौदे पर चर्चा की। इसके बाद शाम को छह बजे प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर यह प्रजेंटेशन दिया। बताया जाता है कि भारती ने इस योजना के संबंध में शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से भी विचार-विमर्श किया है।

मोदी सरकार ने गंगा के लिए योजना तैयार करने को जल संसाधन मंत्रालय के सचिव आलोक रावत के समन्वय में एक अनौपचारिक समूह बनाया था। समूह ने पिछले महीने ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। फिलहाल सरकार इस पर विचार कर रही है।

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर यही रवैया रहा तो गंगा 200 वर्षो में भी साफ नहीं होगी।

मोदी सरकार ने गंगा के लिए अलग मंत्रालय बनाने के अलावा अपने पहले आम बजट में 2037 करोड़ रुपये आवंटित कर नमामि गंगे कार्यक्रम की भी घोषणा की है।

जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने गंगा के लिए कार्ययोजना तैयार करने को 7 जुलाई को गंगा मंथन नाम से एक कार्यक्रम भी आयोजित किया था, जिसमें वैज्ञानिक, नौकरशाह, जनप्रतिनिधि और पर्यावरणविद और गैर सरकारी संगठनों के लोग शामिल हुए थे।

मोदी बोले, गंगा को और मैली न करो:

नई दिल्ली। गंगा स्वच्छता अभियान को जनांदोलन बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमारी पहली प्राथमिकता नदी को और ज्यादा प्रदूषित होने से रोकने की है।

'नमामि गंगे' अभियान पर पहली उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सोमवार को कहा कि स्वच्छता के इस आंदोलन को और मजबूत करने के लिए 'गंगा सेवा' के प्रति समर्पित समाज के विभिन्न तबकों को एक मंच पर लाना होगा।

इस उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी, उमा भारती, प्रकाश जावड़ेकर और निर्मला सीतारमण मौजूद थे।

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