अाम बजट 2016: अब ईपीएफ का पैसा निकालने पर भी लगेगा टैक्स
न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) और कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफओ) में कर के मामले में समानता लाते हुए सरकार ने आम बजट 2016-17 में अहम घोषणा की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) और कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफओ) में कर के मामले में समानता लाते हुए सरकार ने आम बजट 2016-17 में अहम घोषणा की है। अब पीएफ की 60 प्रतिशत धनराशि निकालने पर टैक्स लगेगा। यह प्रावधान एक अप्रैल 2016 से लागू होगा। वहीं सबको पेंशन मुहैया कराने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए वित्त मंत्री ने एनपीएस की 40 प्रतिशत धनराशि निकालने पर टैक्स से छूट देने की घोषणा भी की है।
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फिलहाल ईपीएफ को टैक्स मामले में 'ईईई' सुविधा प्राप्त है। 'ईईई' का मतलब है कि ईपीएफ में पैसा निवेश करने, उस पर अर्जित ब्याज तथा पैसा निकालने पर तीनों ही अवसर पर टैक्स की छूट प्राप्त थी। हालांकि आम बजट के दस्तावेजों मंे कहा गया है कि विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाओं में समानता लाने के इरादे से एक अप्रैल 2016 या उसके बाद भविष्य निधि में योगदान करने वाले कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद अब अपनी निधि निकालेंगे तो उसके 40 प्रतिशत पर टैक्स नहीं लगेगा। इसका मतलब है कि ईपीएफ की शेष 60 प्रतिशत राशि पर टैक्स लगेगा। हालांकि जेटली ने आम बजट में एनपीएस को राहत दी है। जेटली ने पेंशनभोगी समाज की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कहा कि एनपीएस की 40 प्रतिशत धनराशि की निकासी को टैक्स से छूट देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2016 के बाद अंशदान से सृजित होने वाली निधि में से 40 प्रतिशत धनराशि की निकासी पर टैक्स नहीं लगेगा।
उल्लेखनीय है कि फिलहाल अगर कोई व्यक्ति एनपीएस से बाहर निकलता है तो धनराशि निकालने पर आयकर कानून की धारा 80सीसीडी के तहत कर देना पड़ता है। जेटली ने भविष्य निधि के ऐवज में नियोक्ता द्वारा सालाना 1.5 लाख रुपये के योगदान की सीमा कर लाभ के लिए तय करने की घोषणा भी की। साथ ही उन्होंने नेशनल पेंसन सिस्टम और ईपीएफओ की कर्मचारियों को सेवा को भी 14 प्रतिशत सेवा कर से छूट देने की घोषणा भी की। यह घोषणा अप्रैल 2016 से लागू होगी। आम बजट में ईपीएफ में जमा राशि पर टीडीएस की सीमा भी 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है।