7th पे कमीशन: कुछ इस तरह से होगी सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ लगभग 1 करोड़ लोगों को होगा और साथ ही 1 जनवरी 2016 से बकाया का भुगतान होगा।
नई दिल्ली [किशोर जोशी]। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज सातवें वेतन आयोग की सिफारिशेंको मंजूरी दे दी है। इससे देश के लगभग एक करोड़ लोगों के वेतन और पेंशन में बढ़ोत्तरी होगी। इसका फायदा उन लोगो को भी होगा जो रिटायर हो चुके है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से सरकारी खजाने पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बोझ पड़ेगा। आइए नजर डालते हैं सातवें वेतन आयोग की विशेषताओं और उससे अर्थव्यवस्था पर होने वाले प्रभावों के बारे में-
क्या हैं सातवें वेतन आयोग की विशेषताएं?
- कमीशन की सिफारिश के अनुसार, मिनिमम सैलरी 18 हजार रुपए हो जाएगी, वहीं अधिकतम सैलरी 2.50 लाख रुपए प्रतिमाह तक हो सकती है।
- पेंशन में 24 फीसदी बढ़ोत्तरी का सुझाव।
- वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा ऑटोनोमस बॉडीज, यूनिवर्सिटी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के कर्मियों को भी मिलेगा।
- साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के ग्रैच्युएटी की रकम 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी से इकोनॉमी में 1 लाख करोड़ रुपये आएंगे।
- कुल मिलाकर कर्मचारियों से अधिकारियों का वेतन 18 हजार से लेकर ढाई लाख तक हो जाएगा जबकि मांग साढ़े 23 हजार से सवा तीन लाख के बीच वेतन की है।सातवे वेतन आयोग में ट्रैवल एलाउंस में भी इजाफा होने के साथ-साथ हाउस रेंट अलाउंस में भी इजाफा होगा।
- सातवें वेतन आयोग में अवकाश में बढ़ोत्तरी होगी।
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प्रभाव
- सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद भारत सरकार में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी का वेतन (भत्ते जोड़ कर) करीब 25000 रुपए हो जाएगा। ऐसे में सरकारी नौकरियों के लिए कंपटीशन और बढ़ेगा।
- वित्त वर्ष 2016-17 में सरकार पर 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का बोझ बढ़ेगा।
- वेतन में बढ़ोत्तरी से जीडीपी के 0.65 फीसदी के बराबर होगा खर्च होगा।
- रेलवे पर पड़ेगा 28000 करोड़ रुपए का अतिरक्त बोझ
- सातवें वित्त आयोग ने 52 भत्तों को खत्म करने की सिफारिश की है। 36 अन्य भत्तों को या तो जारी भत्तों में या फिर नए प्रस्तावित भत्तों में समायोजित किया जाएगा।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन से 2016-17 में केंद्र के खजाने पर 1.2 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा तथा राजकोषीय घाटे में 0.65 प्रतिशत वृद्धि होगी। राजकोषीय घाटा बढ़ने से अर्थव्यवस्था में असंतुलन पैदा होने की आशंका रहती है लेकिन वर्तमान में बाजार में मांग कम होने और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत कम होने के कारण मुद्रास्फीति पर ज्यादा दवाब नहीं। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने लाखों केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि होगी, परिणामस्वरूप रिएल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, स्वास्थ्य एवं बीमा क्षेत्रों के कारोबार में तेजी आएगी। ऐसे में लोग मार्केट में निवेश करेंगे तो बाजार में पैसा भी आएगा। सातवें वेतनआयोग की सिफारिशों के बाद कार और घर की डिमांड काफी बढ़ जायेगी और इन पर ऋण सुविधा आसानी से उपलब्ध होगी।
इन विभागों को होगा सातवे वेतन आयोग का लाभ
रेलवे, शिक्षण संस्थान, आर्मी के कर्मचारी, आर्मी पेंशनर, बैंक कर्मचारी, बीएसएनएल कर्मचारी, सशस्त्र बल, सरकारी डॉक्टर ,इंजीनीयर, एयर फोर्स, नेवी, आईएएस ऑफिसर, आईपीएस ऑफिसर, आइआरएस ऑफिसर, न्यायिक स्टाफ, लाइब्रेरियन लोअर डिविजन क्लर्क ,अपर डिविजन क्लर्क, मेडिकल ऑफिसर , पेरामेडीकल स्टाफ आदि।
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