इनके लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना है यूपी चुनाव, कौन मारेगा बाजी
वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में होने वाला विधानसभा चुनाव भाजपा और समाजवादी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है, जबकि कांग्रेस इससे बाहर है। जानें कैसे
नई दिल्ली (कमल कान्त वर्मा)। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों का काफी कुछ दांव पर लगा हुअा है। देश का सबसे बड़ा प्रदेश होने के नाते इस प्रदेश के कुछ और भी मायने हैं। इस विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में यहां की 73 सीटों पर कमल खिला चुकी है, लिहाजा उसके लिए यहां का चुनाव जीतना एक प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है।
वहीं दूसरी और सत्ताधारी समाजवादी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में सभी को दरकिनार कर जो अप्रत्याशित जीत हासिल की थी उसको बरकरार रखना उसके लिए बहुत बड़ी चुनौती है। यह दो पार्टियां ऐसी हैं जिनके लिए यहां का चुनाव जीतना नाक का सवाल बना हुआ है। अब यदि बात करें इससे अलग कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी की, तो कांग्रेस के लिए यहां का चुनाव बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता है।
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ऐसा इसलिए है क्योंकि वह यहां पर अपने वजूद को बचाने की जद्दोजहद लगभग तीन दशकों से कर रही है। इसमें वह अब तक सफल नहीं हो सकी है। इसलिए वह यहां पर सरकार बनाने के लिए चुनावी मैदान में उतरेगी, ऐसा संभव ही नहीं है। यूपी से उसकी राजनीतिक जमीन पूरी तरह से खिसक चुकी है। इसलिए वह सिर्फ दहाई का आंकड़ा ही पार कर जाए यही उसके लिए काफी होगा।
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वहीं बसपा की बात करें तो पिछले विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए पिछले पांच वर्षों में उसने कुछ खास नहीं किया है। यह बात और है कि वह इसके बाद भी इस चुनाव में पूरे जोर-शोर से उतरेगी। बल्कि यह कहना भी गलत नहीं होगा कि सरकार बनाने के इरादे से उतरेगी। इस तरह से यदि देखा जाए तो यूपी के विधानसभा चुनाव में तीन पार्टियों के बीच जमकर खींचतान होगी, जिसमें भाजपा, सपा और बसपा शामिल रहेंगी।
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उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने जनमतसंग्रह के परिणाम आने के बाद पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी। वह अक्टूबर में पद छोड़ देंगे। इसमें 52 प्रतिशत नागरिकों ने ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने के पक्ष में मतदान किया।
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वर्ष 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टियों द्वारा हासिल की गई सीटें
कुल सीटें 403
समाजवादी पार्टी (सपा) 224
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 80
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 47
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 28
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