Move to Jagran APP

अल्पसंख्यकों के साथ रिश्तों में नया निवेश

यह अल्पसंख्यको के साथ बने समाजवादी पार्टी के रिश्तो मे नया निवेश है। बजट मे मुस्लिम समुदाय के लिए योजनाओं की भरमार कर अखिलेश यादव ने रिश्तो की उस बेल को आगे बढ़ाया है जो उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने सपा की रीढ़ मजबूत करने के नजरिए से लगाई थी।

By Edited By: Updated: Fri, 01 Jun 2012 09:44 PM (IST)
Hero Image

लखनऊ [हरिशंकर मिश्र]। यह अल्पसंख्यकों के साथ बने समाजवादी पार्टी के रिश्तों में नया निवेश है। बजट में मुस्लिम समुदाय के लिए योजनाओं की भरमार कर अखिलेश यादव ने रिश्तों की उस बेल को आगे बढ़ाया है जो उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने सपा की रीढ़ मजबूत करने के नजरिए से लगाई थी। सरकार ने अल्पसंख्यकों की शिक्षा के साथ ही हर स्तर पर उन्हें संरक्षित करने की कोशिश की है। दसवीं पास मुस्लिम छात्राओं को शिक्षा व शादी के लिए अनुदान, बुनकरों की कर्जमाफी व मदरसा व मकतबों के आधुनिकीकरण आदि योजनाएं मुस्लिमों के प्रति सरकार के संवेदनात्मक लगाव के प्रतीक के रूप में सामने आई हैं।

सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2074 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है जो पिछले बजट में इस मद की धनराशि से 81 फीसदी अधिक है। इसके अलावा पहली बार किसी सरकार ने मुस्लिम बस्तियों के विकास पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। बसपा शासन में दलित बाहुल्य बस्तियों के विकास की जगह इस सरकार के एजेंडे पर मुस्लिम बहुल बस्तियां हैं। नगरीय क्षेत्रों में ऐसी बस्तियों में इंटरलाकिंग, नाली निर्माण व अन्य विकास कार्यो के लिए सौ करोड़ रुपयों की व्यवस्था की गई है। मुस्लिम बहुल जिलों में नये शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना का फैसला भी किया गया है। नये खुलने वाले मॉडल डिग्री कालेज में भी पांच कालेज मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में खुलेंगे।

अल्पसंख्यकों से चुनाव पूर्व किए गए वादों को निभाने में सरकार ने कोई कोताही नहीं बरती है। दसवीं पास छात्राओं की पढ़ाई व शादी के लिए सौ करोड़ रुपये रखे गए हैं तो कब्रिस्तान एवं अंत्येष्टि स्थलों की चहारदीवारी के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बुनकरों का कर्ज माफ करने के लिए 50 करोड़ निर्धारित किया गया है। पूर्व दशम और दशमोत्तर कक्षाओं के छात्रों के लिए फीस प्रतिपूर्ति और वजीफे के लिए बजट में 470 करोड़ से अधिक और मल्टीसेक्टोरल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत 480 करोड़ का प्रावधान सरकार की गंभीरता का परिचायक है। सरकार ने अपना चेहरा मुस्लिमों के सबसे बड़े हितचिंतक के रूप में उभारने की एक बड़ी कवायद की है जो आगामी लोकसभा चुनावों में कारगर नजर आ सकती है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर