सरकार से रूठे आजम तो चहेतों पर गिरने लगी गाज
कैबिनेट मंत्री आजम खां के सरकार से रूठते ही उनके चहेते अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिरने लगी है। रामपुर में आजम खां के खास माने जाने वाले एआरटीओ कौशलेंद्र प्रताप यादव के तत्काल निलंबन को इसी की कड़ी माना जा रहा है। कौशलेंद्र तत्कालीन सांसद जयाप्रदा की गाड़ी से लाल बत्ती उतरवाने के बाद भी डटे हुए थे। चर्चा यह भी
By Edited By: Updated: Fri, 08 Aug 2014 01:53 PM (IST)
लखनऊ। कैबिनेट मंत्री आजम खां के सरकार से रूठते ही उनके चहेते अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिरने लगी है। रामपुर में आजम खां के खास माने जाने वाले एआरटीओ कौशलेंद्र प्रताप यादव के तत्काल निलंबन को इसी की कड़ी माना जा रहा है। कौशलेंद्र तत्कालीन सांसद जयाप्रदा की गाड़ी से लाल बत्ती उतरवाने के बाद भी डटे हुए थे। चर्चा यह भी है कि सरकार अभी आजम खां के और चहेते अफसरों को सबक सिखा सकती है।
रामपुर के एआरटीओ कौशलेंद्र प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खां के चहेते अफसरों में रहे हैं। वह आजम खां की धुर विरोधी तत्कालीन सांसद जयाप्रदा की गाड़ी से लाल बत्ती उतार कर आजम के करीब हो गए थे। इसके बाद उन्होंने आजम के सभी विरोधियों के खिलाफ खूब कार्रवाई की थी। अप्रैल माह में रामपुर से सांसद रहीं जयाप्रदा की गाड़ी से कौशलेंद्र ने लालबत्ती उतरवा दी थी। जयाप्रदा ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी, लेकिन प्रशासन ने एआरटीओ को क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद जयाप्रदा ने संसद की विशेषाधिकार हनन समिति के सामने शिकायत की। जयाप्रदा इस मामले को लेकर हाईकोर्ट भी गईं, कोर्ट में अभी मामला लंबित है। जयाप्रदा की गाड़ी की बत्ती उतारने के बाद कौशलेंद्र यादव सुर्खियों में आए और नगर विकास मंत्री के चहेते अफसरों में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होने आजम खां के विरोधियों के खिलाफ जमकर कार्रवाई की। मिलक की पालिकाध्यक्ष दीक्षा गंगवार की गाड़ी से हूटर उतार लिया। रालोद जिलाध्यक्ष आसिम खां के खिलाफ तो हत्या के प्रयास तक का मुकदमा दर्ज करा दिया। इसी तरह पीसीएफ के पूर्व डायरेक्टर प्रेमपाल सैनी के खिलाफ भी हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराए। जब बुधवार को उन्हें निलंबित किया गया तो आजम खां के चहेतों अफसरों के होश उड़ गए।
प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि आजम इन दिनों संगठन और सरकार दोनो से ही नाराज है और उनके विरोधी अमर सिंह सपा के करीब आ रहे हैं। यहीं कारण है कि सरकार ने आजम के चहेतों नापने में लग गई है, जिसके पहले शिकार उनके सबसे करीब व उनके गृह जनपद के एआरटीओ कौशलेन्द्र हुए हैं। पढ़ें: आजम खान से वक्फ मंत्रालय वापस लेने की मांग