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भाजपा की तीसरी सूची से भी यूपी रहेगा नदारद

वाराणसी, लखनऊ, कानपुर जैसी सीटों पर दावेदारी को लेकर हो रहे विवादों में घिरी भाजपा उत्तर प्रदेश को लेकर अब तक पूरी सहमति नहीं बना पाई है। पार्टी की तीसरी सूची में भी संभवत: उत्तर प्रदेश की किसी भी सीट के लिए प्रत्याशी घोषित नहीं होगा। गुरुवार की केंद्रीय चुनाव समिति में बिहार, झारखंड, हरियाणा, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़ आदि के लिए लोकसभा उम्मीदवार घोषित हो सकते हैं। दिल्ली की सात सीटों के लिए भी दो-दो नाम छांट लिए गए हैं। भाजपा अध्यक्ष रा

By Edited By: Updated: Thu, 13 Mar 2014 07:10 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाराणसी, लखनऊ, कानपुर जैसी सीटों पर दावेदारी को लेकर हो रहे विवादों में घिरी भाजपा उत्तर प्रदेश को लेकर अब तक पूरी सहमति नहीं बना पाई है। पार्टी की तीसरी सूची में भी संभवत: उत्तर प्रदेश की किसी भी सीट के लिए प्रत्याशी घोषित नहीं होगा। गुरुवार की केंद्रीय चुनाव समिति में बिहार, झारखंड, हरियाणा, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़ आदि के लिए लोकसभा उम्मीदवार घोषित हो सकते हैं। दिल्ली की सात सीटों के लिए भी दो-दो नाम छांट लिए गए हैं। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के आवास पर बुधवार देर रात तक बैठकों का दौर जारी रहा। गुरुवार को भाजपा अपने कुछ बड़े उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर सकती है। संभव है कि सिनेजगत के कुछ चेहरे भी इसमें शामिल हों।

माना जा रहा है कि गुरुवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में भाजपा के लगभग 150 प्रत्याशियों के नाम घोषित हो जाएंगे। यह आशंका भी है कि बैठक काफी गरमा-गरम रहे। दरअसल कई सीटों पर विवाद अंत तक खत्म नहीं हो सका है। सूत्रों के अनुसार, 24 अप्रैल तक चुनाव में जाने वाली अधिकतर सीटों पर स्थिति स्पष्ट करने की योजना है। उच्चपदस्थ पदाधिकारी के अनुसार अधिकतर सीटों पर मंथन तो हो जाएगा, लेकिन कुछ नामों की घोषणा रोकी जा सकती है। संभव है कि नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेताओं की घोषणा कुछ दिन बाद हो। इस क्रम में वाराणसी संसदीय सीट पर फैसला टाला जा सकता है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है। पिछली चुनाव समिति की बैठक में भी यूपी पर ही मामला गरम रहा था। बुधवार देर रात तक कई वरिष्ठ नेता अलग-अलग स्तर पर बैठकें करते रहे। दरअसल, कांग्रेस और राजद पर परिवारवाद का आरोप लगा रही भाजपा बहुत संभलकर नेताओं के परिजनों पर फैसला लेना चाहती है। उत्तर प्रदेश में ऐसे कई नेता मौजूद हैं। वहीं, बताते हैं कि छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने भी राजनांदगांव के सांसद मधुसूदन यादव की जगह अपने बेटे अभिषेक सिंह को उतारने का मन बनाया है। गौरतलब है कि यादव पिछली बार एक लाख से ज्यादा मतों से जीते थे।

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पार्टी के कुछ नेताओं का मानन था कि कम से कम 17 अप्रैल तक चुनाव में जाने वाली संसदीय सीटों पर उम्मीदवार गुरुवार को घोषित कर दिए जाएं, लेकिन अधिकतर नेताओं का कहना था कि बड़े नाम घोषित किए बिना छोटी-छोटी सीटों के लिए प्रत्याशियों का एलान करना मुफीद नहीं होगा, बल्कि विवाद बढ़ेगा। लिहाजा, 15 मार्च को चुनाव समिति की बैठक में यूपी पर विस्तृत चर्चा के बाद नाम घोषित होंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मथुरा में यूं तो कुछ स्थानीय उम्मीदवार भी हैं, लेकिन संभव है कि वहां सनी देओल जैसे किसी बड़े चेहरे को उतारा जाए। उन्नाव से भी विवेक ओबराय जैसा कोई अभिनेता भाजपा का झंडा उठा सकता है। बिहार में किसी भी वर्तमान सांसद का टिकट नहीं काटा जाएगा, लेकिन बाहर से आए प्रत्याशियों को लेकर कई नेताओं मे विरोध है। दिल्ली में चुनाव सिर पर है। लिहाजा, यहां के सभी सात उम्मीदवार गुरुवार को ही घोषित कर दिए जाएंगे। यहां भी कई नाम बाहर से ही आए हैं, जबकि हरियाणा की कुछ सीटों पर घोषणा एक-दो दिन रोकी जा सकती है।

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