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श्री श्री के कार्यक्रम पर जेटली का विपक्ष को जवाब, सदन और कोर्ट में समझें फर्क

यमुना नदी के किनारे होने वाले श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम को लेकर अाज राज्य सभा में हंगामा हुअा। माकपा के सीताराम येचुरी ने प्रश्न किया की श्री श्री रविशंकर के व्यक्तिगत कार्यक्रम को लेकर सेना के जवान कैसे मदद कर रहे हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Wed, 09 Mar 2016 05:06 PM (IST)
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नई दिल्ली। यमुना नदी के किनारे होने वाले श्री श्री रविशंकर के वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल कार्यक्रम को लेकर सरकार को विरोध का सामना करना पड़ा। इस मुद्दे को लेकर अाज राज्य सभा में जोरदार हंगामा हुअा। शुक्रवार से शुरु होने वाले कार्यक्रम को लेकर माकपा के सीताराम येचुरी ने सवाल उठाया कि श्री श्री रविशंकर के व्यक्तिगत कार्यक्रम को लेकर सेना के जवान कैसे मदद कर रहे हैं ? इसी सवाल को लेकर राज्य सभा में जमकर हंगामा हुअा। हंगामा कर रहे सदस्यों ने वेल में अाकर नारेबाजी की। विपक्षी सांसदों ने सदन में 'सेना का गलत इस्तेमाल मत करो, रक्षा करो' का नारा लगाए।

इस बीच, उमा भारती ने कहा है कि श्री श्री रवि शंकर के कार्यक्रम में हमारे मंत्रालय का कोई रोल नहीं है।

मुख्तार अब्बास नकवी ने राज्यसभा में श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम का बचाव करते हुए कहा कि रविशंकर प्रकृति प्रेमी हैं, उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल नहीं खड़े किए जाने चाहिए। एनजीटी मामले की सुनवाई कर रहा है। हमने इस मुद्दे पर चर्चा की है। सभी नियमों और कानूनों का पालन किया जा रहा है।

इस मामले में राज्यसभा में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मामला ट्रिब्यूनल में लंबित है, एेसे में सभापति को राज्यसभा में मुद्दा उठाने की अनुमति ही नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आखिर इसकी सुनवाई संसद में चल रही है या कोर्ट में।

उल्लेखनीय है दिल्ली में यमुना किनारे होने वाले आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम में सेना से पंटून पुल बनवाने को लेकर विवाद हो गया है। अब तक सेना एक पुल बना चुकी है और दूसरा पुल बनाने का काम जोरों पर है। संभावना है कि सेना तीसरा पुल भी बना सकती है।

किसानों का विरोध प्रदर्शन

श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम का विरोध किसानों ने भी किया है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित भी इस विरोध प्रदर्शन में किसानों के साथ आ गए। इस संबंध में किसानों का कहना है कि हमारी फसलों को इस आयोजन के चलते काफी नुकसान हुआ है।

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उठे कई सवाल

श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से कराया जाने वाला यह एक निजी कार्यक्रम है। फिर इसके लिए सेना क्यों जुटी है, हालांकि सेना का तर्क है कि वह यह काम रक्षा मंत्रालय के आदेश पर कर रही है। वहीं सेना के सूत्रों ने बताया है कि पुलों को बनाने के लिए 120 जवान लगाए गए थे, कहा गया है कि पीएम के आने और किसी तरह की भगदड़ न मचे इसलिए सेना ने पुल बनाए हैं।

वहीं यह भी कहा गया है कि आर्ट ऑफ लिविंग को बकायदा इसका बिल भेजा जाएगा। सेना यह भी कह रही है कि वह कुंभ और कॉमनवेल्थ गेम्स में पुल निर्माण का काम कर सकती है तो फिर यहां क्यों नहीं?

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