मोदी सरकार को लुभाने की होड़, अमेरिका, चीन और रूस आ रहे आगे
भारत में नई सरकार की आमद को यूं तो अभी डेढ़ महीना ही हुआ है, लेकिन नए निजाम के आने के बाद भारत में शुरू हुई आर्थिक हलचल में हिस्सेदारी की संभावनाएं तलाशने में बड़े मुल्क भी पीछे नहीं छूटना चाहते। लिहाजा, महज छह हफ्ते पुरानी राजग सरकार से संपर्क बढ़ाने के लिए अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, सिंगापुर समेत कई म
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत में नई सरकार की आमद को यूं तो अभी डेढ़ महीना ही हुआ है, लेकिन नए निजाम के आने के बाद भारत में शुरू हुई आर्थिक हलचल में हिस्सेदारी की संभावनाएं तलाशने में बड़े मुल्क भी पीछे नहीं छूटना चाहते। लिहाजा, महज छह हफ्ते पुरानी राजग सरकार से संपर्क बढ़ाने के लिए अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, सिंगापुर समेत कई मुल्क अपने नुमाइंदे भेजकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास एजेंडा को सहयोग की मंशा जता चुके हैं। साथ ही जापान, चीन, जर्मनी और अमेरिका मोदी को अपने-अपने मुल्कों की यात्रा का न्योता भी दे चुके हैं। कैमरन ने मोदी की प्रशंसा में कहा था कि इन्होंने ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा वोट हासिल किए हैं।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार मानी जाने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था में सभी विकसित मुल्कों और बड़े निवेशकों की दिलचस्पी लाजमी है। लिहाजा, मोदी सरकार के साथ संपर्को की पहल में दुनिया के कई मुल्क 100 स्मार्ट सिटी, हीरक चतुर्भुज रेल परियोजना, बुलेट ट्रेन समेत ढांचागत विकास की बड़ी परियोजनाओं में निवेश व हिस्सेदारी के लिए अपनी दावेदारियां पेश कर चुके हैं। बीते दिनों भारत आए सिंगापुर के विदेश व कानून मंत्री के. शणमुगम मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना में भागीदारी के लिए औपचारिक प्रस्ताव दे चुके हैं। सिंगापुर और भारत के बीच स्मार्ट सिटी परियोजना पर एक कोर ग्रुप बनाने को लेकर सहमति भी बन गई है। जर्मनी और फ्रांस समेत कई मुल्क अक्षय ऊर्जा, जल संरक्षण और शहरी विकास परियोजनाओं में निवेश का उत्साह दिखा रहे हैं।