भारत-यूएस का पाक को दो टूक- आतंक का साथ दिया तो पड़ जाओगे अकेले
भारत और अमेरिका ने पाक को सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि आतंकियों को मदद करने पर उसको अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग थलग होना पड़ सकता है।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। भारत हाल के दिनों में आतंक के मुद्दे पर कई बार पाकिस्तान को दो टूक सुना चुका है। अमेरिका भी अपने स्तर पर कई बार उसे आतंकियों को पनाह देने पर आगाह कर चुका है। कल एक बार फिर भारत और अमेरिका ने संयुक्त रूप से सीधे पाकिस्तान को यह चेतावनी दी है कि आतंकियों को मदद के मुद्दे पर वह या तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ चले या फिर अलग थलग पड़ने का खतरा उठाए।
भारत और अमेरिका के बीच दूसरी रणनीतिक व वाणिज्यिक वार्ता में कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय आयामों पर चर्चा हुई। आतंक के मुद्दे पर अमेरिकी पक्ष पूरी तरह से भारत से सहमत दिखा। यह वार्ता उस समय हुई है जब एक दिन पहले ही वाशिंगटन में दोनों देशों केबीच अभी तक का सबसे अहम रक्षा समझौता हुआ है।
यहां वार्ता में अमेरिकी दल का प्रतिनिधित्व वहां के विदेश मंत्री जॉन केरी ने किया, जबकि भारतीय दल का नेतृत्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया। रणनीतिक व वाणिज्यिक डायलाग (एससीडी) में अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रट्जिकर और भारत की वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा दोनों देशों की सरकारों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। वार्ता में रक्षा, स्वास्थ्य, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, पर्यटन, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा, अफगानिस्तान समेत अन्य कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
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इन मुद्दों पर घेरा
भारत ने पाकिस्तान को लेकर जो मुद्दे उठाए, केरी ने उन सभी मुद्दों पर समर्थन किया।
- आतंकियों का समर्थन बंद करे। अच्छे व बुरे आतंकियों के बीच विभेद नहीं करे।
- जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों पर अंकुश लगाए।
-मुंबई और पठानकोट के हमलावरों को सजा दिलाए।
आतंकियों की सूचना साझा करेंगे
एक ही मंच से भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के एक स्वर में संदेश देना पाकिस्तान की मुसीबत को और बढ़ा सकता है। यही नहीं भारत और अमेरिका के बीच यह सहमति बन गई है कि वह आतंकियों से जुड़े मुद्दों और सूचनाओं को साझा करने की और ठोस व्यवस्था करेंगे।
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-अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में भी भारत की भूमिका की हिमायत
अमेरिका ने अफगानिस्तान में जारी निर्माण कार्य और सरकार गठन में न सिर्फ भारत की भूमिका की तारीफ की है बल्कि केरी ने आने वाले दिनों में भारत की भूमिका के और बढ़ने की बात कही है। यह पहली बार है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण की बात कही है और इसमें पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया है।