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माजिद ने घर वापसी को बताया भूल

आइएस (इस्लामिक स्टेट) आतंकी आरिफ माजिद ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से पूछताछ के दौरान कहा है कि उसने घरवालों के दबाव में वापस लौटकर भूल की है। उसे नहीं लौटना चाहिए था। ये भी खबर है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां माजिद से पूछताछ कर सकती हैं। माजिद के खुलासों

By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Tue, 02 Dec 2014 05:53 AM (IST)
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नई दिल्ली। आइएस (इस्लामिक स्टेट) आतंकी आरिफ माजिद ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से पूछताछ के दौरान कहा है कि उसने घरवालों के दबाव में वापस लौटकर भूल की है। उसे नहीं लौटना चाहिए था। ये भी खबर है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां माजिद से पूछताछ कर सकती हैं। माजिद के खुलासों को देखते हुए एनआइए अब उसका नार्को टेस्ट कराना चाहती है।

सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के दौरान माजिद ने यह दावा भी किया कि ''आतंकी पहले हम लोगों को खुफिया एजेंसियों का एजेंट समझ रहे थे और इसीलिए आइएस में शामिल करने से पहले घंटों पूछताछ की गई थी।'' बकौल माजिद पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही चारों लोगों को आइएस में शामिल किया गया था।

पूछताछ के दौरान आरिफ माजिद ने बताया कि मुंबई के तीन युवाओं के अलावा खाड़ी देश से आए भारतीय मूल के एक अन्य युवक से भी उसकी मुलाकात हुई थी। बकौल माजिद आइएस की ओर से लडऩे के लिए इराक और सीरिया जाने का उसे कोई मलाल नहीं है। परिवार के दबाव में घर वापस लौटने को उसने अपनी भूल बताया। मुंबई के तीन युवाओं के बारे में माजिद ने बताया कि उन्हें अन्य शहरों में भेज दिया गया। उसने तीनों के ठिकानों के बारे में भी जानकारी दी और दावा किया कि उनसे आइएस आतंकियों के लिए खाना बनवाने का काम लिया जा रहा है। इलाज के लिए तुर्की जाने पर माजिद ने परिजनों से बात की थी।

सूत्रों ने बताया कि अमेरिका आइएस की गतिविधियों के बारे में जानने के लिए उत्सुक है। माजिद आतंकी गुट द्वारा कब्जाए गए क्षेत्रों की जमीनी हकीकत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है। तुर्की से लाए गए माजिद से पूछताछ का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। उसने एनआइए अधिकारियों को बताया कि सिविल इंजीनियर होने के बावजूद उसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दजला नदी पर स्थित मोसुल बांध पर राजमिस्त्री का काम करने के लिए भेजा गया था, जहां एक हवाई हमले में वह घायल हो गया था। इराक के सबसे बड़े बांध पर आइएस ने कब्जा कर लिया था। 17 अगस्त को आतंकियों को वहां से खदेडऩे में कामयाबी मिली थी।

माजिद के अनुसार, मोसुल बांध पर काम करने के बाद उसे सीरियाई शहर रक्का भेजा गया था, जहां आतंकियों ने लडऩे के लिए उसे एक-47 राइफल दी थी। हालांकि, रक्का में वह दूसरी बार घायल हो गया। फिलहाल इस शहर पर आइएस का कब्जा है।

हो सकती हैं और गिरफ्तारियां

आरिफ के मामले में पत्रकारों के पूछने पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है। आने वाले दिनों में कुछ और लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं।

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