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वीजा देने से पहले मोदी की योग्यता परखेगा अमेरिका

ब्रिटेन ने भले ही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रिश्ते जोड़ने की शुरुआत कर दी है लेकिन अमेरिका अब भी खुलकर कुछ कहने से बच रहा है। मोदी का नाम लिए बगैर अमेरिका ने कहा है कि वह किसी भी वीजा आवेदन को योग्यता एवं यहां के कानून के आधार पर परखेगा।

By Edited By: Updated: Fri, 12 Oct 2012 01:33 PM (IST)
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वाशिंगटन। ब्रिटेन ने भले ही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रिश्ते जोड़ने की शुरुआत कर दी है लेकिन अमेरिका अब भी खुलकर कुछ कहने से बच रहा है। मोदी का नाम लिए बगैर अमेरिका ने कहा है कि वह किसी भी वीजा आवेदन को योग्यता एवं यहां के कानून के आधार पर परखेगा। किसी व्यक्ति विशेष के वीजा के बारे में टिप्पणी करने का कोई तुक नहीं है।

विदेशी पत्रकारों को संबोधित करते हुए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री माइक हैमर ने नरेंद्र मोदी के वीजा आवेदन के बाबत पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं देना है। गुजरात दंगे के दस साल बाद ब्रिटेन द्वारा राज्य के लिए बंद दरवाजे खोलने के फैसले के मद्देनजर पत्रकारों ने हैमर से पूछा था कि क्या मोदी को लेकर अमेरिकी नीति में कोई बदलाव आया है?

मोदी के प्रति ब्रिटेन के रवैये में आए बदलाव को अमेरिकी अखबारों ने काफी प्रमुखता से प्रकाशित किया है। वाशिंगटन पोस्ट लिखता है, 'ब्रिटेन का यह फैसला गुजरात के अंतरराष्ट्रीय बहिष्कार के खात्मे की शुरुआत साबित हो सकता है।' गौरतलब है कि ब्रिटेन के भारत संबंधी मामलों के नए मंत्री ह्यूंगो स्वायर ने नई दिल्ली स्थित अपने उच्चायुक्त से कहा है कि वह गुजरात जाएं और वहां मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों से मेल-मिलाप बढ़ाएं।

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