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संतों-विहिप का उप्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, सिंहल-तोगड़िया की रिहाई के आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जगतगुरु स्वामी राम भद्राचार्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख अशोक सिंहल और कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया को तत्काल छोड़े जाने के आदेश दिए हैं। प्रतिबंध के बावजूद चौरासी कोसी परिक्रमा में भाग लेने की कोशिश में इन लोगों को रविवार को गिरफ्तार किया गया था।

By Edited By: Updated: Mon, 26 Aug 2013 09:50 PM (IST)
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लखनऊ, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जगतगुरु स्वामी राम भद्राचार्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख अशोक सिंहल और कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया को तत्काल छोड़े जाने के आदेश दिए हैं। प्रतिबंध के बावजूद चौरासी कोसी परिक्रमा में भाग लेने की कोशिश में इन लोगों को रविवार को गिरफ्तार किया गया था। पीठ के आदेश के बाद शाम को अशोक सिंहल को रिहा कर दिया गया। वह अमौसी एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इस बीच, चौरासी कोसी परिक्रमा पर प्रतिबंध और संतों और विहिप नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में धरने और प्रदर्शन किए गए। वहीं, सिंहल ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होकर रहेगा। जो भी इसके रास्ते में आएगा, उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

पढ़ें: नहीं शुरू हो पाई यात्रा, सिंहल व तोगड़िया समेत 23 सौ गिरफ्तार

न विहिप जीती, न सरकार हारी

स्वामी रामभद्राचार्य, अशोक सिंहल व प्रवीण भाई तोगड़िया की ओर से स्थानीय वकील रंजना अग्निहोत्री की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर आदेश देते हुए पीठ ने कहा कि यदि आगे निरुद्ध रखने की कोई खास वजह न हो तो इनको हिरासत से तत्काल मुक्त किया जाए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि महाकुंभ के दौरान ही धर्म संसद में फैसला हो चुका था कि 84 कोसी परिक्रमा की जाएगी। याचीगण तथा अन्य साधु-संत धार्मिक आस्था के लिए शांतिपूर्वक 84 कोसी परिक्रमा करने के प्रयास में थे। फिर भी याचीगणों सहित लगभग 2300 संतों को विधि विरुद्ध तरीके से गिरफ्तार किया गया। प्रदेश सरकार ने एक वर्ग विशेष को खुश करने तथा 2014 के चुनाव में वोट पाने की लालसा में यह गिरफ्तारियां कराई, जो गैर कानूनी हैं। अदालत ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए मामले की अगली सुनवाई मंगलवार 27 अगस्त को नियत की है।

सरकार तोगड़िया, वेदांती व अन्य की रिहाई के मूड में नहीं

सरकार विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और वेदांती समेत कई संतों, महंतों को अभी रिहा करने के मूड में नहीं है। प्रवीण तोगड़िया, पूर्व सांसद राम विलास वेदांती और पूर्व मंत्री लल्लू सिंह को शाम को एटा जेल के लिए रवाना कर दिया गया। फैजाबाद मंडल कारागार से तोगड़िया को जिला जेल एटा रवाना करने के दौरान काफी देर तक असमंजस की स्थिति बनी रही। दोपहर करीब पौने बारह बजे डीएम ने एंबुलेंस से उन्हें एटा पहुंचाने का निर्देश दिया, लेकिन एंबुलेंस पहुंचने में एक घंटे से अधिक समय लगा। दो चिकित्सकों एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के साथ एंबुलेंस तोगड़िया को लेकर रवाना हुई।

एडीजी/आइजी कानून-व्यवस्था राजकुमार मिश्रा और गृह सचिव सर्वेश चंद मिश्रा ने बताया कि तोगड़िया की रिहाई का फैसला फैजाबाद के जिलाधिकारी करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या अदालत ने इनकी रिहाई के आदेश दिए हैं? जवाब में सर्वेश मिश्रा ने बताया कि अदालत ने कहा है कि यदि इनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर बंद किया गया है तो रिहा किया जाय। इसके लिए विधिक परीक्षण चल रहा है। अशोक सिंहल की रिहाई क्यों और तोगड़िया की क्यों नहीं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सिंहल ने दिल्ली जाने की इच्छा जताई थी। उनको सवा छह बजे की एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया। अब उनसे कोई दिक्कत नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि आचार्य रामभद्राचार्य को गिरफ्तार नहीं किया गया था।

राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि सोमवार की शाम तक कुल 2497 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें 1539 जेल में हैं, जबकि 958 लोगों को मुचलके पर रिहा किया जा चुका है। लखनऊ, आगरा, कानपुर नगर, कानपुर देहात, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी, चंदौली, गाजियाबाद, कुशीनगर, चित्रकूट महराजगंज, हमीरपुर, उन्नाव आदि जिलों और उरई, मुगलसराय, चारबाग, वाराणसी आगरा फोर्ट, आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार सभी आंदोलनकारी रिहा कर दिए गए हैं। फैजाबाद में निरुद्ध 634, बलरामपुर में 16, बस्ती में 145, बांदा में 20, बाराबंकी में 203, देवरिया में 17, बहराइच में 41, सिद्धार्थनगर में 32, अम्बेडकरनगर में 59 लोग अभी भी जेल में निरुद्ध हैं।

इस बीच, बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक राजेश पांडेय ने दावा किया कि 40 स्थानों से सांकेतिक परिक्रमा प्रारंभ हो चुकी है और सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद यह जारी रहेगी।

हरिद्वार में जबरदस्त प्रदर्शन

हरिद्वार, जागरण संवाददाता। चौरासी कोसी परिक्रमा तो शुरू नहीं हुई, लेकिन देशभर में विहिप और संतों के प्रदर्शन जारी हैं। इसी क्रम में सोमवार को हरिद्वार के देवपुरा चौक पर विहिप, बजरंग दल, विभिन्न अखाड़ों के संत और भाजपा विधायकों ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

सोमवार को बड़ी संख्या में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के कार्यकर्ता विभिन्न अखाड़ों के संतों के साथ देवपुरा चौक पर एकत्र हुए और उप्र में संतों व विहिप कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किया। भाजपा के शहर विधायक मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, लक्सर विधायक संजय गुप्ता और हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद भी प्रदर्शन में शामिल हुए। इस मौके पर संत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी सत्यव्रतानंद महाराज ने कहा कि इस धार्मिक यात्रा को रोके जाने में उत्तर प्रदेश सरकार की जितनी निंदा की जाए, कम है।

प्रदर्शन में जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव महंत स्वामी देवानंद सरस्वती, स्वामी धर्मदास, महंत परशुराम गिरी, स्वामी विवेकानंद गिरी, महामंडलेश्वर यतेंद्रानंद, मेयर मनोज गर्ग, बजरंग दल के संयोजक नितिन गौतम के साथ बड़ी संख्या में विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

चिन्मयानंद भेजे गए हरिद्वार

शाहजहांपुर। चौरासी कोसी यात्रा को लेकर मुखर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को आखिरकार प्रशासन हरिद्वार भेजने में सफल रहा। भारी सुरक्षा के बीच सोमवार सुबह उन्हें इलाहाबाद-हरिद्वार एक्सप्रेस ट्रेन से रवाना किया गया। हालांकि, प्रशासन पूरे घटनाक्रम को स्वामीजी की मर्जी बता रहा है लेकिन पूरी कवायद उनको उत्तर प्रदेश की सीमा से बाहर करना ही थी।

स्वामी चिन्मयानंद की शाहजहांपुर में मौजूदगी से प्रशासन परेशान था। ट्रेन में सवार होने से पूर्व स्वामी चिन्मयानंद नेपत्रकारों से कहा कि वह प्रशासन की मर्जी वाले स्थान पर जा रहे हैं। बता दें कि चौरासी कोसी यात्रा को शनिवार से ही स्वामी चिन्मयानंद पर प्रशासन नजर रखे हुए था।

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