केरल में जारी रहेगा विहिप का 'घर वापसी' कार्यक्रम
संसद का शीतकालीन सत्र भले ही धर्मातरण मुद्दे की भेंट चढ़ गया हो, लेकिन यह विवाद फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है। शनिवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने केरल में अपने 'घर वापसी' कार्यक्रम के जारी रहने की घोषणा की। संगठन ने दावा किया कि किसी का भी जबरदस्ती
By Kamal VermaEdited By: Updated: Sat, 27 Dec 2014 06:55 PM (IST)
तिरुअनंतपुरम। संसद का शीतकालीन सत्र भले ही धर्मातरण मुद्दे की भेंट चढ़ गया हो, लेकिन यह विवाद फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है। शनिवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने केरल में अपने 'घर वापसी' कार्यक्रम के जारी रहने की घोषणा की। संगठन ने दावा किया कि किसी का भी जबरदस्ती धर्मातरण नहीं कराया जा रहा है। सिर्फ उन्हीं लोगों की मदद की जा रही है जो हिंदू धर्म में शामिल होना चाहते हैं।
विहिप के प्रदेश महासचिव भार्गव राम ने यह भी बताया कि एक जनवरी 2015 को कुछ और लोगों की 'घर वापसी' कराई जाएगी। उनके अनुसार, 'घर वापसी' में कुछ भी नया नहीं है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में राजनीतिक लाभ लेने के लिए ही कांग्रेस और वामपंथी दलों की ओर से यह विवाद पैदा किया गया है। भार्गव राम ने आरोप लगाया कि हिंदू धर्म छोड़कर अन्य धर्म अपनाने के अधिकतर मामलों के पीछे तुष्टीकरण और प्रलोभन होता है। मालूम हो, केरल में धर्मातरण मुद्दा एक सप्ताह पहले तब चर्चा में आया, जब विहिप के 'घर वापसी' कार्यक्रम में विशेष समुदाय के कुछ सदस्यों को हिंदू बनाया गया। क्रिसमस के दिन भी मुख्यमंत्री ओमन चांडी के गृहनगर कोट्टायम में 59 लोगों को 'घर वापसी' के जरिये हिंदू बनाया गया। इसमें पोंकुनम के 21 ईसाई परिवारों के 42 लोग शामिल थे।