गुजरात में ईसाइयों की 'घर वापसी' पर विवाद
विश्व हिंदू परिषद द्वारा गुजरात के वलसाड जिले में दो सौ से ज्यादा ईसाई आदिवासियों की 'घर वापसी' का कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने जोरदार विरोध किया है। कांग्रेस ने राज्य व देश के अन्य हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन किया है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि भगवा संगठनों के
By Jagran News NetworkEdited By: Updated: Mon, 22 Dec 2014 02:05 AM (IST)
वलसाड। विश्व हिंदू परिषद द्वारा गुजरात के वलसाड जिले में दो सौ से ज्यादा ईसाई आदिवासियों की 'घर वापसी' का कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने जोरदार विरोध किया है। कांग्रेस ने राज्य व देश के अन्य हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन किया है।
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि भगवा संगठनों के इस तरह के कामों से दुनिया में भारत की छवि को धक्का लगेगा। भाकपा नेता डी. राजा ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है, बल्कि एक लोकतांत्रिक देश है। ईसाई संगठनों ने भी इस कार्यक्रम की आलोचना की है। उनका आरोप है कि जबरन आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है। दूसरी तरफ, गुजरात सरकार इस मामले से अपना पल्ला झाड़ रही है। गुजरात सरकार के प्रवक्ता नितिन पटेल ने कहा है कि उन्हें अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है। गुजरात में 1999 से ही ईसाई धर्म से जुड़े आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का मामला सुर्खियों में रहा है। विहिप ने शनिवार को 200 से ज्यादा ईसाई आदिवासियों की 'घर वापसी' कराई। 200 ईसाई आदिवासी बने हिंदू
वलसाड। धर्मांतरण को लेकर सड़क से लेकर संसद तक हंगामे के बावजूद कई जगहों पर धर्मांतरण जारी है। विश्व हिन्दू परिषद् ने वलसाड जिले के अरनाई गांव में समारोह का आयोजन कर 200 से ज्यादा ईसाई आदिवासियों का धर्मांतरण कर उन्हें हिन्दू बनाए जाने का दावा किया है। यह दावा संगठन के एक स्थानीय नेता ने किया है। संगठन ने यह भी कहा कि पुनर्धर्मांतरण ऐच्छिक था, इसमें कोई जोर-जबरदस्ती या लालच का प्रयोग नहीं किया गया था। वीएचपी के वलसाड जिले के प्रमुख नातु पटेल ने बताया, 'फिलहाल चल रहे घर वापसी अभियान के तहत परिषद ने ईसाई समुदाय के 225 लोगों को वापस हिन्दू धर्म में लिया ।' उन्होंने बताया कि विहिप ने आदिवासियों की हिन्दू धर्म में वापसी से पहले उनके शुद्धीकरण के लिए एक महायज्ञ का आयोजन किया था। वीएचपी के अन्य कार्यकर्ता अशोक शर्मा ने बताया कि घर वापसी कार्यक्रम में करीब 3,000 लोगों ने भाग लिया।