विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रस्तावित चौरासी कोसी यात्रा रविवार को शुरू नहीं हो सकी। अयोध्या के नयाघाट इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। साधुओं का जत्था जहां से भी निकला, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यात्रा को आगे बढ़ाने की जिद पर अड़े विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंहल, कार्याध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया समेत पूरे उत्तर प्रदेश में 23 सौ साधु, संतों, महंतों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।
By Edited By: Updated: Mon, 26 Aug 2013 04:40 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, लखनऊ। विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रस्तावित चौरासी कोसी यात्रा रविवार को शुरू नहीं हो सकी। अयोध्या के नयाघाट इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। साधुओं का जत्था जहां से भी निकला, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यात्रा को आगे बढ़ाने की जिद पर अड़े विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंहल, कार्याध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया समेत पूरे उत्तर प्रदेश में 23 सौ साधु, संतों, महंतों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। इसी दौरान रामजन्मभूमि न्यास के महंत कमलनयनदास संतों के साथ पहुंचे और जब तक पुलिस उन तक पहुंचती, उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से सरयू पूजन कर डाला। उन्हें भी समर्थकों सहित पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
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न विहिप जीती, न सरकार हारी यात्रा में शामिल होने के लिए अयोध्या जा रहे लोगों को जहां-तहां गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी को 14 दिन की रिमांड पर जेल भेजा जाएगा। गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है। प्रमुख लोगों को जिस अतिथि गृह या आवास में रखा जाएगा, उसे ही वैकल्पिक जेल मान लिया जाएगा। एडीजी/आइजी कानून-व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा और गृह सचिव कमल सक्सेना ने रविवार को दावा किया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है और पूरे प्रदेश में शांति है। 13 सितंबर तक कोई भी प्रतिबंध तोड़ने की कोशिश करेगा तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा। पढ़ें:
असली संतों ने नकार दिया राजनीतिक आडंबर: आजम विश्वकर्मा ने बताया कि अयोध्या की ओर जाने वाली बसों, वाहनों, ट्रेनों की सघन चेकिंग की जा रही है। गृह सचिव ने बताया कि लखनऊ हवाई अड्डे से अशोक सिंहल को गिरफ्तार कर उन्नाव के पक्षी विहार गेस्ट हाउस में रखा गया है। संत रामभद्राचार्य को भी गिरफ्तार किया गया है। प्रवीण तोगड़िया को अयोध्या के गोलाघाट, पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती को फैजाबाद के नागेश्वरनाथ मंदिर और महंत नृत्यगोपाल दास को मणिराम दास छावनी से गिरफ्तार किया गया, जबकि भाजपा के रुदौली विधायक रामचंद्र यादव को चारबाग में कैफियत एक्सप्रेस से गिरफ्तार किया गया है। नृत्य गोपाल दास की रिहाई भी हो गयी है। वाराणसी के सत्तू बाबा आश्रम के सत्तू बाबा, अमेठी के सगरा आश्रम के पीठाधीश्वर अभय चैतन्य, बहराइच की भाजपा विधायक सावित्री बाई फूले आदि को नजरबंद किया गया है। जालौन में स्वामी ज्ञान प्रकाशानंद गिरि, बाराबंकी में पूर्व विधायक सुंदरलाल दीक्षित समेत कई गिरफ्तार किए गए हैं। एडीजी विश्वकर्मा ने बताया कि रविवार शाम पांच बजे तक कानपुर, इलाहाबाद, फैजाबाद, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, गोंडा, सुलतानपुर, लखनऊ, आगरा समेत प्रदेश के लगभग सभी जिलों से लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कई प्रमुख संतों को नजरबंद किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर केंद्र से आरएएफ की 11 कंपनियां भेजी गई थीं। इसके अलावा 30 कंपनी अतिरिक्त केंद्रीय बल की मांग पर केंद्र की ओर से एसएसबी और सीआरपीएफ की 12 कंपनियां भेजी गई हैं। इन्हें फैजाबाद व आसपास के जिलों में भेजा गया है।
अयोध्या के संतों ने कहा, राजनीति से प्रेरित है यात्रा अयोध्या। रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने आरोप लगाया है कि 'विहिप की यात्रा राजनीति से प्रेरित है और संतों को निजी हितों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इस यात्रा का समय भी परंपरा के विरुद्ध है। यदि इस यात्रा को अनुमति दी गई तो सांप्रदायिक सौहार्द्र को भी खतरा हो सकता है।' उन्होंने कहा, पारंपरिक 84 कोसी परिक्रमा चैत्र की पूर्णिमा से वैशाख नवमी तक होती है। वह अपने ठीक समय पर संपन्न हो चुकी है। विहिप इस परिक्रमा का प्रस्ताव रख कर नई परंपरा डालने की कोशिश कर रही है, जो निश्चित तौर पर राजनीतिक और परंपरा विरुद्ध है। यह यात्रा धार्मिक नहीं, बल्कि राम मंदिर बनाने के लिए एक जनसंपर्क यात्रा है। जानकी घाट मंदिर के मुख्य पुजारी महंत जनमेजय शरण ने कहा, हम विहिप के किसी अधार्मिक आह्वान और विरोध को समर्थन नहीं देंगे। विहिप की प्रस्तावित 84 कोसी परिक्रमा की कोई धार्मिक मान्यता नहीं है। अयोध्या के साधु इसे समर्थन नहीं देंगे। राजगोपालाचारी मंदिर के वरिष्ठ संत फलाहारी बाबा ने कहा, यह यात्रा विशुद्ध राजनीतिक है। धर्म से इसका कोई लेना-देना नहीं है। सरयू कुंज मंदिर के मुख्य पुजारी महंत जुगुलकिशोर शरण शास्त्री ने दावा किया कि पिछले 20 सालों में विहिप ने अयोध्या में समर्थन खो दिया है। दूसरी ओर विहिप की यात्रा पर पाबंदी के विरोध में हरिद्वार के संतों ने प्रदर्शन कर आक्रोश जताया और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। किसने, क्या कहा 'भाजपा और विहिप ने आगामी चुनाव के मद्देनजर यह आडंबर रचा, जिसे साधु-संतों व जनता ने नकार दिया है। 84 कोसी परिक्रमा का अब कोई समय नहीं है। इसे आयोजित कराने वाले साधु-संत इन्हीं दलों के लोग हैं, जो टकराव की बात करते हैं। असली संत मुहब्बत और भाईचारे की बात करते हैं।' आजम खान, संसदीय कार्य एवं नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश 'चौरासी कोसी परिक्रमा पर रोक संबंधी निर्णय सही है। परिक्रमा मामले में सरकार ने अपने अधिकार के तहत ही कदम उठाए। कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर अपनी सहमति जता दी। हम सबको उसका सम्मान करना चाहिए। धर्म के मामलों को राजनीति प्रेरित नहीं बनाना चाहिए।' -सलमान खुर्शीद, विदेश मंत्री 'बाबरी मस्जिद ध्वंस और यह यात्रा भाजपा और सपा का नाटक है। लेकिन इस षडयंत्र के प्रति जागरूक हिंदू और मुस्लिम समुदायों पर इसका कोई असर नहीं होगा।' बेनी प्रसाद वर्मा, केंद्रीय इस्पात मंत्री 'उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अशोक सिंहल और तमाम साधु-संतों की गिरफ्तारी की भाजपा कड़ी निंदा करती है। भारत आजाद देश है। लोगों को कहीं भी जाने और यात्रा करने का अधिकार है। आप इसे कैसे रोक सकते हैं? यह सब वोट बैंक की राजनीति के चलते किया जा रहा है।' वेंकैया नायडू, वरिष्ठ भाजपा नेता 'अशोक सिंहल और अन्य विहिप नेताओं की गिरफ्तारी गैर-कानूनी है। यह सविंधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है। किस कानून के तहत मुख्यमंत्री अखिलेश ने इस गिरफ्तारी का आदेश दिया है। अशोक सिंहल को तुरंत छोड़ा जाए और अखिलेश यादव माफी मांगें।' -सुब्रमण्यम स्वामी, वरिष्ठ भाजपा नेता 'यात्रा पर रोक हिंदुओं के उत्पीड़न की पराकाष्ठा है। यह धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन भी है। सपा सरकार हिंदू समाज के धैर्य की परीक्षा ले रही है। सोमवार को इस मुद्दे पर विहिप राष्ट्रव्यापी विरोध दर्ज कराएगी।' -प्रवीण भाई तोगड़िया, विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष 'अयोध्या की परिक्रमा हिंदुओं का मौलिक अधिकार है, जिस पर रोक उचित नहीं है। प्रशासन को पदयात्रा रोकनी नहीं चाहिए थी। बृज व चित्रकूट आदि तीर्थो में परिक्रमा निरंतर चलती रहती है। पदयात्रा पूरी तरह धार्मिक है।' -महंत नृत्यगोपालदास, राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष 'यात्रा को सरकार द्वारा प्रतिबंधित करना पूरी तरह अनुचित है। यात्रा आजम खान के इशारे पर रोकी गई है। यदि संतों का उत्पीड़न या अपमान हुआ तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी।' -डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
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