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भारत लौटने वाले इंटरव्यू पर माल्या और अखबार में ठनी

भारत के बैंकों से हजारों करोड़ों का कर्ज लेकर विदेश चले गए उद्योगपति और राज्यसभा सांसद विजय माल्या का विवाद गहराता जा रहा है। भारत में जहां उन पर शिकंजा कसने की कवायद तेज हो रही है, वहीं लंदन में एक इंटरव्यू उनके गले की हड्डी बन गया है।

By anand rajEdited By: Updated: Tue, 15 Mar 2016 02:32 PM (IST)
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लंदन। भारत के बैंकों से हजारों करोड़ों का कर्ज लेकर विदेश चले गए उद्योगपति और राज्यसभा सांसद विजय माल्या का विवाद गहराता जा रहा है। भारत में जहां उन पर शिकंजा कसने की कवायद तेज हो रही है, वहीं लंदन में एक इंटरव्यू उनके गले की हड्डी बन गया है।

दरअसल, द सनडे गार्जियन में माल्या का इंटरव्यू छपा था, जिसमें उनके हवाले से लिखा गया था कि मैं भारत लौटूंगा, लेकिन अभी सही वक्त नहीं है।

अब माल्या इस बात से इनकार कर रहे हैं। इसके बाद अखबार ने पलटवार करते हुए माल्या से हुई बातचीत के ईमेल सार्वजनिक कर दिए हैं।

अखबार के मुताबिक, वह अपने इंटरव्यू पर कायम है। माल्या ने यह साक्षात्कार 12 मार्च 2016 को दिया था। ईमेल के जरिए पूछे गए सवालों का खुद माल्या ने अपनी ईमेल आईडी vjmallya@protonmail.com से जवाब दिया था। 8 मार्च को उनके वकील ने इस ईमेल आईडी की पुष्टि की थी।

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अखबार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि साफतौर पर समझा सकता है कि माल्या अब अपनी बात से क्यों पीछे हट रहे हैं, लेकिन इंटरव्यू में प्रकाशित सभी बातें पूरी तरह सच हैं।

पूछताछ में शामिल नहीं हुए रद्द होगा पासपोर्ट

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पूछताछ के लिए भारत नहीं लौटना शराब कारोबारी विजय माल्या के लिए महंगा साबित हो सकता है। ऐसी स्थिति में ईडी विजय माल्या का पासपोर्ट रद करने की कार्रवाई भी शुरू कर सकती है। इसके साथ ही माल्या के खिलाफ केस को मजबूत करने के लिए ईडी ने कर्ज देने वाले 17 बैंकों से सारे दस्तावेज मांगे हैं और मामले की जांच से जुड़ी दूसरी एजेंसियों से सहयोग की अपील की है।

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ईडी ने विजय माल्या को 18 मार्च को पूछताछ के लिए व्यक्तिगत रूप से मुंबई स्थित कार्यालय में उपस्थित रहने को कहा है। लेकिन माल्या ने फिलहाल भारत आने में असमर्थता जताई है। इस बारे में पूछे जाने पर ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच में सहयोग के लिए माल्या को आगे आना होगा। नहीं तो जांच एजेंसी को उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं। इसमें उनके पासपोर्ट को निरस्त कराना भी शामिल है।

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यदि माल्या 18 मार्च को ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे, तो विदेश मंत्रालय से उनका पासपोर्ट रद करने के लिए कहा जा सकता है। पासपोर्ट रद होने के बाद उन्हें वापस लाने के लिए ब्रिटेन से प्रत्यर्पण के लिए भी बात हो सकती है। ईडी पहले ही साफ कर चुका है कि माल्या के जांच में सहयोग नहीं करने की स्थिति में उसकी संपत्तियों को जब्त करने का सिलसिला शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए माल्या की देश-विदेश में मौजूद संपत्तियों का पता लगाने का काम शुरू हो चुका है।

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दूसरी ओर, विजय माल्या के खिलाफ केस को पुख्ता करने के लिए ईडी विभिन्न एजेंसियों की सहायता ले रही है। ईडी ने आयकर विभाग, सेवाकर विभाग और एसएफआइओ से औपचारिक रूप से विजय माल्या और किंगफिशर से जुड़े सारे दस्तावेज मांगे हैं।

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भारत लौटने को तैयार नहीं विजय माल्या, सभी संपत्तियां होंगी जब्त

ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी एजेंसियों की जांच में मिले तथ्यों को एक साथ मिलाकर माल्या के खिलाफ केस को मजूबत करने में सहायता मिलेगी। दूसरी ओर, किंगफिशर को कर्ज देने वाले 17 बैंकों को ईडी ने नोटिस भेजकर कर्ज देने से संबंधित सभी दस्तावेज जमा करने को कहा है। इन बैंकों के 9000 करोड़ रुपये किंगफिशर पर बकाया हैं। सूत्रों का कहना है कि मौजूदा समय में मुंबई में ईडी के रीजनल चीफ की जगह खाली है। लिहाजा, पूरी जांच को ईडी निदेशक करनल सिंह व्यक्तिगत रूप से देखेंगे।