Move to Jagran APP

मुझे न्याय की उम्मीद नहीं, राज्यसभा की सदस्यता से देता हूं इस्तीफाः माल्या

भारतीय बैंकों से तकरीबन नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर डिफाल्टर होकर विदेश भागे विजय माल्या ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।माल्या ने कहा कि उन्हें निष्पक्ष सुनवाई या न्याय की उम्मीद नहीं है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Tue, 03 May 2016 10:08 AM (IST)
Hero Image

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय बैंकों से तकरीबन नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर डिफाल्टर होकर विदेश भागे विजय माल्या ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। साठ वर्षीय शराब कारोबारी माल्या ने राज्यसभा की आचरण समिति के अध्यक्ष को भी अपना इस्तीफा भेज दिया है। माल्या के इस्तीफा देने पर जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "वो जानते थे कि उनकी राज्य सभा की सदस्यता ले ली जाएगी, तो उन्होंने चालाकी से इस्तीफा दे दिया।"

सभापति को माल्या का खत

राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को लिखे अपने इस्तीफा पत्र में माल्या ने कहा है कि वह नहीं चाहते कि उनके नाम और छवि की और अधिक मिट्टी पलीद हो। उन्होंने पत्र में कहा कि और चूंकि हालिया घटनाक्रम से जाहिर होता है कि मुझे निष्पक्ष सुनवाई या न्याय नहीं मिलेगा, इसलिए मैं राज्यसभा की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।

आचार समिति आज लेगी फैसला

मामले पर गौर करने वाली उच्च सदन की आचार समिति ने 25 अप्रैल की अपनी बैठक में आमराय से फैसला किया कि माल्या को अब सदन का सदस्य नहीं रहना चाहिए और यह तीन मई की अगली बैठक में उन्हें निष्कासित करने की सिफारिश करने की योजना बना रही थी। इसके साथ ही समिति ने माल्या को अपने व्यवहार को स्पष्ट करने के लिए एक हफ्ते का समय देने का फैसला किया।

पढ़ेंः ईडी के रडार पर अब माल्या की 500 करोड़ वाली डियाजियो डील

आचरण समिति के अध्यक्ष कर्ण सिंह ने 25 अप्रैल को कहा था 'माल्या ने लगातार वारंट को नजरअंदाज करके गुनाह किया है। लेकिन फिर भी हम निष्पक्ष न्याय की प्रक्रिया के तहत सात दिनों का समय दे रहे हैं। अगर समय रहते माल्या पेश नहीं होते तो सदन जरूरी कदम उठाएगा।'माल्या के बैंकों का कर्ज चुकाए बगैर विदेश भागने को लेकर भ्रष्टाचार का मामला अदालत में मामला विचाराधीन है।

पढ़ेंः माल्या पर शिकंजे को एजेंसियों ने घेरा, ईडी ने भेजा समन

विजय माल्या ने पिछले दिनों कहा था कि उन्हें भारत छोड़ने को मजबूर होना पड़ा और तत्काल भारत लौटने की उनकी कोई योजना नहीं है। लंदन में रह रहे माल्या ने कहा कि वह एक देशभक्त भारतीय रहे हैं और हमेशा भारतीय झंडे को ऊंचा रखने में गर्व महसूस करते हैं, लेकिन उनके खिलाफ जो चीख-पुकार चल रही है उसमें वह ब्रिटेन में सुरक्षित पड़े रहना पसंद कर रहे हैं और फिलहाल भारत लौटने की उनकी योजना नहीं है।

पढ़ेंः प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या के पासपोर्ट को रद करने की मांग की