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माल्या को ईडी से मिली मोहलत, दो अप्रैल को पेश होने के लिए कहा

बैंकों से मिले 9 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के दुरुपयोग के आरोपी और किंगफिशर के मालिक विजय माल्या को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो अप्रैल के पेश होने का आदेश दिया है। मनी लॉड्रिंग के मामले में ये नोटिस जारी किया गया है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 18 Mar 2016 05:13 PM (IST)
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नई दिल्ली। बैंकों से मिले 9 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के दुरुपयोग के आरोपी और किंगफिशर के मालिक विजय माल्या को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो अप्रैल के पेश होने का आदेश दिया है। मनी लॉड्रिंग के मामले में ये नोटिस जारी किया गया है। इससे पहले माल्या ने आज पेश न होने से छूट मांगते हुए और मोहलत मांगी थी जिसे प्रवर्तन निदेशालय ने मान लिया।

प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी का कहना है कि जो कुछ भी हुआ है उसे उजागर कर सामने लाया जाएगा। साथ ही, इस बात की जभी जांच की जाएगी कि किन शर्तों पर लोन की इतनी बड़ी रकम दी गई। ईडी ने कहा, “विजय माल्या ने पूरे सहयोग का आश्वासन दिया है। लेकिन, माल्या ने इस बात का भरोसा नहीं दिया कि वे 2 अप्रैल को अदालत में पेश होंगे। हालांकि, हमें इस बात की उम्मीद है कि माल्या कोर्ट में पेश होंगे।”

इससे पहले, ईडी के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा था कि माल्या ने प्रवर्तन निदेशालय के जांच अधिकारी को सूचित किया है कि वह कल यानी 18 मार्च को नहीं आ पाएंगे और उन्होंने अप्रैल तक का समय मांगा था। माल्या ने ईमेल के जरिए ईडी से अनुरोध किया था। जैसे कि उम्मीद की जा रही थी कि माल्या के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया।

क्या है मामला

गौरतलब है कि ईडी विजय माल्या के खिलाफ आइडीबीआइ बैंक से लिए 900 करोड़ रुपये के कर्ज के मामले की मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत जांच कर रहा है। सीबीआइ इस मामले की भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत अलग से जांच कर रही है। ईडी ने इस मामले की जांच में आयकर विभाग, एसएफआइओ, सेवा कर विभाग व अन्य जांच एजेंसियों की मदद मांगी है। इसके साथ ही वह विजय माल्या के विदेशी संपत्तियों का ब्योरा भी जुटा रही है। मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत ईडी को अपराध से बनाई गई संपत्ति को जब्त करने से लेकर आरोपी को गिरफ्तार तक करने का आरोप है।

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