हिंसा सियासी मसले का हल नहीं : महबूबा
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारी रियासत पिछले 26 वर्षों से हिंसा को झेल रही है, लेकिन इससे राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में कोई बदलाव नहीं आया।
By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Thu, 25 Aug 2016 04:15 AM (IST)
श्रीनगर। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को सभी से शांति और सामान्य स्थिति बहाल बनाने में सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि हिंसा ने कश्मीर को सिर्फ दुख और बर्बादी दी है। किसी भी सियासी मुद्दे का हल बंदूक या हिंसा नहीं है। बातचीत से ही सभी मसले हल होते हैं।
चाहे वह सियासी, आर्थिक या सामाजिक की क्यों न हों। महबूबा ने एक समारोह में कर्तव्य निर्वाह के दौरान मारे गए सरकारी कर्मियों के परिजनों को एसआरओ-43 के तहत नियुक्तिपत्र सौंपते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हमारी रियासत पिछले 26 वर्षों से हिंसा को झेल रही है, लेकिन इससे राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में कोई बदलाव नहीं आया। अगर कुछ मिला है तो सिर्फ दुख, तबाही, गरीबी, मुसीबत, शैक्षणिक बर्बादी और सामाजिक बुराइयां। लगातार हिंसा ने हमारे सामाजिक ताने-बाने को भी बिगाड़ा है। उन्होंने संवाद और समाधान की प्रक्रिया की पुनर्बहाली लायक माहौल बनाने पर जोर देते हुए कहा कि रियासत में अधिकांश संबंधित पक्ष शांतिपूर्ण तरीकों से मुद्दों का हल चाहते हैं, लेकिन कुछ स्वार्थी तत्व युवाओं को हिंसा के लिए उकसा कर समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया को सुगम बनाने की राह में रुकावट डाल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पिछले 26 वर्षों से मौत और विनाश का रक्तरंजित युग देखा है। क्या इससे कश्मीरियों को गहरे घाव मिलने के अलावा जमीन पर कुछ भी बदला है? हिंसा ने किसी भी समस्या को हल करने के बजाय कश्मीर के लगभग हर घर में दर्द, त्रासदी और बर्बादी के निशान ही छोड़े हैं। इसने हमारे खेल के मैदानों को कब्रिस्तान में बदलने और खुशहाल परिवारों को गम-गरीबी और पीड़ा ही दी है।बलूचिस्तान पर मोदी के बयान का शिवसेना ने मजाक उड़ाया