कश्मीर हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर 24, राजनाथ ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग
हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति अभी भी बनी हुई है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। हिजबुल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद भड़की हिंसा ने घाटी में 24 लोगों की जान ले ली है। जबकि हिंसक झड़पों में 150 पुलिसकर्मी और 200 उपद्रवी जख्मी हुए हैं। इसी बीच, गृह मंत्री ने हालात का जायजा लेने के लिए एक बैठक बुलाई है। ये बैठक गृह मंत्रालय में हो रही है।
अमरनाथ यात्रा पर स्थगित
हिंसा के चलते अमरनाथ यात्रा को तीसरे दिन भी स्थगित कर दिया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि जब तक कश्मीर में हालात सामान्य नहीं होते, तबतक अमरनाथ यात्रा शुरू नहीं की जाएगी। राणा के मुताबिक आठ से 10 हज़ार अमरनाथ यात्री अभी जम्मू में फंसे हुए हैं। घाटी में तनाव के चलते प्रशासन में अमरनाथ यात्रा में रोक के साथ साथ जम्मू क्षेत्र में रविवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी। कश्मीर के कई इलाकों में कर्फ्यू अभी भी लगा हुआ है।
भीड़ ने एक पुलिस वाहन को झेलम में ढकेला, एक पुलिसकर्मी की मौतरविवार को उपद्रवियों ने विशेष पुलिस अधिकारी फिरोज अहमद को मोबाइल बंकर वाहन समेत श्रीनगर-अनंतनाग मार्ग पर स्थित संगम पुल से झेलम दरिया में फेंक दिया। डूबने से उनकी मौत हो गई। इस बीच, राज्य के हिंसक माहौल का आतंकियों ने भी फायदा उठाना शुरू कर दिया है।
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एक दर्जन जगहों पर हिंसा, दो पुलिस चौकियां, रेलवे पुलिस की बैरक फूंकी
रविवार को हिंसक प्रदर्शनकारियों की आड़ में आतंकियों ने भी सुरक्षाबलों पर हमले किए। ऐसे ही एक हमले में एसपी शोपियां बाल-बाल बच गए। उनके वाहन पर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंकने के अलावा गोलियां भी चलाई। मुरन पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर ग्रेनेड हमला किया। इसमें पांच जवान जख्मी हुए। आतंकियों ने उतरस्सु पुलिस चौकी पर भी हमला किया।
पुलवामा जिले के त्राल इलाके में शनिवार की रात आतंकियों ने पुलिस के हेड कांस्टेबल को दोनों पैरों में गोली मार दी। उधर, उपद्रवियों ने सोईबुग-बड़गाम, लस्सीपोरा और पुलवामा में दो पुलिस चौकियों, बिजबिहाड़ा स्टेशन पर आरपीएफ की बैरक और जीआरपी के गार्ड रूम को आग के हवाले कर दिया।
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पुलिस और उपद्रवियों के बीच हिंसक झड़पें
सोईबगु-बड़गाम हिजबुल के चीफ कमांडर सैयद सलाहुद्दीन का गांव है। शिक्षा मंत्री नईम अख्तर के अनुसार, हांजीपोरा में थाने पर उग्र भीड़ के हमले के बाद से तीन पुलिस कर्मी अब तक लापता हैं। पुलिस ने 150 से ज्यादा लोगों को हिरासत में भी लिया है। हिंसा और आगजनी पर उतारू भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने एक दर्जन जगहों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। अनंतनाग, कुलगाम, सोपोर, कुपवाड़ा और हंदवाड़ा समेत राज्य के कई इलाकों में पुलिस को आंसू गैस, लाठीचार्ज, पैलेट गन और हवाई फायरिंग का सहारा लेना पड़ा। श्रीनगर के कई हिस्सों में पुलिस और उपद्रवियों के बीच हिंसक झड़पें हुई।
पीडीपी के गढ़ में ज्यादा हिंसा रविवार को बड़गाम, श्रीनगर, गांदरबल, कुपवाड़ा समेत मध्य और उत्तरी कश्मीर के किसी हिस्से में किसी की मौत नहीं हुई। मारे गए सभी उपद्रवी दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां जिले के हैं। यह इलाका सत्ताधारी पीडीपी का मजबूत गढ़ माना जाता है।
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अलगाववादी रहे नजरबंद सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, शब्बीर शाह, हिलाल वार, अशरफ सहराई, नईम खान समेत प्रमुख अलगाववादियों को प्रशासन ने रविवार को भी घरों में नजरबंद रखा। जेकेएलएफ के चेयरमैन यासीन मलिक पुलिस हवालात में बंद रहे।