असम और म्यांमार की हिंसा में अल्पसंख्यकों पर हुए असर के विरोध में शुक्रवार को अलविदा की नमाज के बाद कई उत्तर प्रदेश में लखनऊ, कानपुर और इलाहाबाद में भीड़ हिंसक हो उठी। इस दौरान न बीमार की परवाह की गई और न बच्चों की। न महिलाओं को देखा गया और न अपाहिज को। जिधर मन हुआ बेतहाशा ईंट-पत्थर बरसाए गए और लूटपाट की गई। लखनऊ में बुद्ध पार्क घूमने गई महिलाओं को घेरकर उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए। मुंबई में हुए हिंसक विरोध से कोई सबक न लेते हुए सुस्त पुलिस तंत्र तब सक्रिय हुआ, जब तमाम निर्दोष चुटैल हो चुके थे और संपत्ति का भारी नुकसान हो चुका था। विरोध की बयार जम्मू-कश्मीर में भी चली लेकिन वहां लोगों के हिंसक होने की खबर नहीं है।
By Edited By: Updated: Fri, 17 Aug 2012 09:53 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। असम और म्यांमार की हिंसा में अल्पसंख्यकों पर हुए असर के विरोध में शुक्रवार को अलविदा की नमाज के बाद कई उत्तर प्रदेश में लखनऊ, कानपुर और इलाहाबाद में भीड़ हिंसक हो उठी। इस दौरान न बीमार की परवाह की गई और न बच्चों की। न महिलाओं को देखा गया और न अपाहिज को। जिधर मन हुआ बेतहाशा ईंट-पत्थर बरसाए गए और लूटपाट की गई। लखनऊ में बुद्ध पार्क घूमने गई महिलाओं को घेरकर उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए। मुंबई में हुए हिंसक विरोध से कोई सबक न लेते हुए सुस्त पुलिस तंत्र तब सक्रिय हुआ, जब तमाम निर्दोष चुटैल हो चुके थे और संपत्ति का भारी नुकसान हो चुका था। विरोध की बयार जम्मू-कश्मीर में भी चली लेकिन वहां लोगों के हिंसक होने की खबर नहीं है।
लखनऊ में विधानसभा के सामने बवाल
लखनऊ में दोपहर बाद पक्का पुल से शुरू अराजकता विधान भवन के सामने तक पहुंच गई। यहां टीलेवाली मस्जिद व आसफी इमामबाड़े में अलविदा की नमाज के बाद कुछ लोगों ने विधान भवन की ओर कूच कर दिया और वहां तोड़फोड़ की। अधिकारी जब तक माजरा समझ पाते तब तक करीब एक हजार प्रदर्शनकारी गौतम बुद्ध पार्क पहुंच गए। कुछ ने पार्क की रेलिंग तोड़नी शुरू की तो कुछ ने स्वतंत्रता दिवस पर लगाई झालरों को नोच डाला। इसके बाद सैकड़ों लोग पार्क में कूद गए और टिकट खिड़की पर तोड़फोड़ कर पार्क में मौजूद पुरुषों, महिलाओं और कर्मचारियों को पीटने लगे। कुछ महिला पर्यटकों के कपड़े भी फाड़ दिए गए। इस दौरान कई गाड़ियां तोड़ी गईं। पार्क में लगभग सब-कुछ तहस नहस कर डाला। पार्क में लगी गौतम बुद्ध की मूर्ति भी क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की। आसपास की दुकानें तोड़ीं और सामान लूट लिया। इसके बाद उपद्रवी कन्वेंशन सेंटर मोड़ पर पहुंचे और बसों व गाड़ियों में तोड़फोड़ की। इन वाहनों में सवार लोगों से भी अभद्रता की गई।
पुलिस ने खदेड़ा तो पुल से होकर हाथी पार्क में कूद गए और वहां भी तोड़फोड़ की। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों की पिटाई की गई। रेल पुल पर चढ़कर पुलिस पर पथराव किया। इस दौरान जो मीडियाकर्मी उन्हें नजर आया उसका न केवल कैमरा तोड़ा बल्कि उसकी पिटाई की गई-धारदार हथियार से कई घायल भी किए गए। लखनऊ में विभिन्न स्थानों पर तोड़फोड़ में करीब सौ वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। इलाहाबाद में दुकानें लूटीं
संगमनगरी इलाहाबाद में नमाज के बाद जुलूस निकाल रहे कुछ लोगों को जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो वे उग्र हो गए। जुलूस में शामिल युवकों ने पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते भीड़ बेकाबू हो गई। उपद्रवियों ने घंटाघर से लेकर जानसेनगंज तक दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की। यहां पर तोड़फोड़ का विरोध करने पर दो गुटों में पथराव हुआ, जिससे सड़क किनारे खड़े 200 से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। कानपुर में पथराव से कई घायल कानपुर में यतीमखाना स्थित नानपारा मस्जिद में कुछ युवकों ने काली पंट्टी बांधकर नमाज अदा की और नमाज के बाद असम की हिंसा को लेकर भड़काऊ भाषण देना शुरू कर दिया। इसके बाद सभी नारे लगाते नवीन मार्केट की ओर बढ़ने लगे। वहां पर भीड़ को समझाया जाता, तब तक यतीमखाना चौराहे से सैकड़ों युवकों की भीड़ साइकिल मार्केट में पथराव कर दिया। इससे वहां भगदड़ मच गई। कई लोगों के घायल होने और दुकानों में नुकसान की खबर है। स्थिति संभालने के लिए डीआइजी अमिताभ यश वहां पहुंचे, तभी पता चला कि रजबी रोड पर कुछ युवक दुकानें बंद करा रहे हैं। डीआइजी फोर्स के साथ रजबी रोड पहुंचे तो युवकों ने उन पर पथराव कर दिया। डीआइजी ने खुद टीयर गैस गन उठाकर भीड़ को ललकारा तब भीड़ वापस भागी। पीड़ित लें कश्मीर में शरण जागरण संवाददाता, श्रीनगर। असम व म्यांमार में हुई हिंसा के विरोध में शुक्रवार को कश्मीर के महिला अलगाववादी संगठन दुखतरान-ए-मिल्लत ने प्रदर्शन किया। उसने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों पर जोर दिया कि वह इस मामले में हस्तक्षेप कर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर रोक लगवाएं। संगठन ने म्यांमार के मुसलमानों से कश्मीर में शरण लेने का अनुरोध भी किया। संगठन की अध्यक्ष सईदा आसिया अंदराबी की अगुवाई में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। अंदराबी ने असम में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा की। उन्होंने असम और म्यांमार सरकार की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए। शिया संगठनों ने भी जुमा की नमाज के बाद अल्पसंख्यकों पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। अफवाह फैला रहा संघ परिवार : ओवैसी हैदराबाद। मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुसलमीन [एमआइएम] के अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी ने उत्तर-पूर्व के लोगों को हैदराबाद न छोड़ने की सलाह दी है। रमजान के आखिरी जुमे की नमाज के बाद मक्का मस्जिद में स्थानीय सांसद ओवैसी ने कहा कि उन्होंने अंजैया नगर और सिद्दीक नगर इलाकों में जाकर वहां बसे उत्तर-पूर्व के लोगों से मुलाकात की। उन्हें सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया और कहा कि हम बोडो आदिवासियों जैसे नहीं हैं जिन्होंने असम में चार लाखख्अल्पसंख्यकों को बेघर कर दिया है। सांसद ने कहा कि हैदराबाद को लेकर अफवाह फैलाने का कार्य संघ परिवार कर रहा है। उन्होंने आपत्तिजनक एमएमएस और एसएमएस भेजने वालों को पकड़े जाने की मांग पुलिस से की। राहत शिविरों में शरण लिए लोगों के आतंकी बनने संबंधी संसद में दिए अपने बयान पर सफाई देते हुए ओवैसी ने कहा, अगर अत्याचार से भड़क कर युवा आतंकी बन जाता है, तो वह हमारे और देश के लिए खतरा होगा। उन्होंने इसी से देश को आगाह किया था।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर