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महाराष्ट्र के कई जिलों में पानी की किल्लत, मौत को गले लगा रहे किसान

महाराष्ट्र का मराठवाड़ा पानी की कमी से जूझ रहा है। राज्य के कई जिलों के लोग पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं।

By Manish NegiEdited By: Updated: Wed, 06 Apr 2016 06:34 PM (IST)
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मुंबई। महाराष्ट्र का मराठवाड़ा पानी की कमी से जूझ रहा है। राज्य के कई जिलों के लोग पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं। मराठवाड़ा में पानी के कुछ स्रोत सूख गए है तो कुछ सूखते जा रहे हैं। बीड के मंजारा बांध की भी कुछ यही स्थिति है। लातूर जिले के लिए पानी का सबसे बड़ा स्रोत मंजारा बांध पूरी तरह सूखने की कगार पर है। अपर्याप्त वर्षा के कारण बांध में पानी का लेवल जीरो हो गया है।

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मौत को गले लगा रहे किसान

सुखे के चलते किसानों की कमर टूट गई है। बीड जिले के नांदूर घाट गांव के किसानों का बुरा हाल है। सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी ना होने के चलते किसानों की फसल तो चौपट हुई, साथ ही उन पर साहूकारों का लाखों रुपये का कर्जा हो गया। कर्जे के बोझ तले किसानों ने मौत को गले लगगाना ही बेहतर समझा। नांदूर घाट में पिछले एक साल में 11 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।

गांव की एक महिला ने बताया कि उसके किसान पति ने फसल खराब होने के कारण खुदकुशी कर ली। महिला ने बताया कि उस पर लाखों का कर्जा था। पिछले दो-तीन सालों से बारिश ना होने के चलते उनकी फसल खराब हो गई। दवाब के कारण उसके पति ने खुदकुशी कर ली।

उन्होंने बताया कि सरकार ने एक लाख रुपये देने का वादा किया था लेकिन अस्सी हजार रुपया अभी तक नहीं मिला। हमारी सरकार से यही मांग है कि बेटे को नौकरी मिले।

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