Move to Jagran APP

मोदी के राज में देश हुआ भ्रष्टाचार मुक्त : अरुण जेटली

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सत्ता में आई नरेंद्र मोदी की राजग सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने को अपने कार्यकाल के पहले वर्ष की सबसे बड़ी उपलब्धि बताई है। एक वर्ष के सरकार के काम काज का लेखा जोखा मीडिया के सामने रखने आए वित्त व सूचना और प्रसारण मंत्री

By Sachin kEdited By: Updated: Sat, 23 May 2015 08:10 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सत्ता में आई नरेंद्र मोदी की राजग सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने को अपने कार्यकाल के पहले वर्ष की सबसे बड़ी उपलब्धि बताई है। एक वर्ष के सरकार के काम काज का लेखा जोखा मीडिया के सामने रखने आए वित्त व सूचना और प्रसारण मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक भ्रष्टाचार रहित व्यवस्था, महंगाई से राहत और निवेश के लायक माहौल बनाना मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है। उन्होंने वादा किया कि आगे भी सरकार पारदर्शिता को बढ़ाने व भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कदम उठाते रहेगी।

आशा का संचार
जेटली ने कहा कि एक वर्ष पहले देश में निराशा का एक माहौल था जिसे दूर करने में यह सरकार पूरी तरह से कामयाब रही है। प्रधानमंत्री की ख्याति न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी बढ़ी है। बिजली, सड़क, रेलवे क्षेत्र से जुड़े फैसले तेजी से और पारदर्शी तरीके से हो रहे हैं। इनका असर बहुत जल्द दिखाई देगा।

जेटली की शब्दों में, जो लोग फैसला नहीं करते थे वे इस बात की आलोचना कर रहे हैं कि हम तेजी से फैसला कर रहे हैं। अब जनता धीमी गति से फैसला लेने को माहौल को सहन करने को तैयार नहीं है। इसी तरह से महंगाई के आंकड़े स्वयं बता रहे हैं कि जनता को इससे काफी राहत मिली है। भले ही इसके लिए कच्चे तेल की कम हुई कीमतें जिम्मेदार हैं लेकिन सरकार ने अपने स्तर पर आपूर्ति पक्ष को काफी सुधारा है।

नहीं डालेंगे करों का बोझ
जेटली ने कहा कि राजग सरकार कभी भी आम जनता पर करों का बोझ डालने के पक्ष में नहीं रही है। पिछले एक वर्ष में दो बार पेश आम बजट में कर व्यवस्था के सरलीकरण व आम जनता व उद्योग पर करों के बोझ को घटाने के लिए कदम उठाये गए हैं। सरकार चाहती है कि आम जनता के पास और पैसा बचे ताकि वह इसे दूसरी जगह निवेश करे।

कारपोरेट टैक्स की दर को भी घटा कर वैश्विक स्तर पर लाने की कोशिश होगी। जहां के विदेशी संस्थागत निवेशकों पर कर लगाने का सवाल है तो सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि पुराने मामलों पर फैसला कोर्ट के जरिये होगा लेकिन एक अप्रैल, 2015 के बाद किसी भी नए मामले में इस तरह की गणना नहीं की जाएगी।

दस फीसद की होगी अर्थव्यवस्था की रफ्तार
जेटली ने देश की अर्थव्यवस्था की बहुत ही सुनहरी तस्वीर खींचने और इसका पूरा श्रेय अपनी सरकार को देने की भरपूर कोशिश की। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था फिलहाल 7.5 से 8 फीसद की रफ्तार से आगे बढ़ रही है लेकिन सरकार इससे संतुष्ट नहीं है।

हम सुधारों की प्रक्रिया और तेज करना चाहते हैं ताकि भारत अपनी क्षमता के मुताबिक दोहरे अंक (10 फीसद से ज्यादा) की आर्थिक विकास दर हासिल करे। सरकार इस दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रही है, लेकिन अर्थव्यवस्था के हालात आगे बहुत कुछ विदेशी हालात से तय होंगे। मसलन निर्यात में गिरावट की स्थिति अब वैश्विक मांग में वृद्धि के बाद ही सुधरेगी।

राज्यों को मिला ज्यादा हक
जेटली का कहना है कि मोदी सरकार ने बहुत ही सोच समझ कर केंद्रीय प्रशासन में राज्यों की भूमिका बढ़ाने का फैसला किया है। नीति आयोग में राज्यों को ज्यादा हक मिला है। राज्यों को ज्यादा पैसा दिया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त राशि पूरी की पूरी राज्यों को दी जा रही है। इसका असर भी दिखाई दे रहा है। क्षेत्रीय दल राजग की नीतियों को खुल कर समर्थन कर रहे हैं।

घटनी चाहिए ब्याज दरें
वित्त मंत्री अरुण जेटली मानते हैं कि ब्याज दरों में कटौती का समय आ चुका है। उन्होंने कहा कि महंगाई की दर में नरमी के साथ उद्योग की धीमी रफ्तार को देखते हुए रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत दरों में कटौती का यह सही समय है। केंद्रीय बैंक दो जून को मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश करेगा। वह इस साल दो बार रेपो रेट घटा चुका है। लेकिन, सात अप्रैल को हुई बैठक में उसने बुनियादी दरों को यथावत रखा था।

जेटली की नजर में सरकार की ये हैं बड़ी सफलताएं

1. राजनीतिक भ्रष्टाचार से आम जनता को राहत
2. महंगाई थामने में मिली बड़ी सफलता
3. प्राकृतिक संसाधनों का पारदर्शिता से नीलामी
4. राज्यों को उनके प्राकृतिक संसाधन में बड़ा हिस्सा
5. केंद्रीय प्रशासन में राज्यों की भूमिका बढ़ाई
6. तमाम मुद्दों पर तेजी से फैसला करना
7. देश में आशा का संचार, विदेशों में बढ़ी साख
8. रेलवे, सड़क, बिजली क्षेत्र की अटकी परियोजनाएं आगे बढ़ी

पढ़ेंः सचिन पायलट ने मोदी सरकार को कोसा

मोदी के कार्यक्रम को आडवाणी को निमंत्रण नहीं