राज्यसभा की एथिक्स कमिटी के अध्यक्ष कर्ण सिंह ने विजय माल्या केस पर कहा है कि हमने मामले में संज्ञान लिया है हम नियमों के अनुरूप आगे बढ़ेंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले को लेकर अभी और भी बैठकें की जाएंगी उसके बाद ही फैसला
By Abhishek Pratap SinghEdited By: Updated: Mon, 14 Mar 2016 09:02 PM (IST)
नई दिल्ली। नौ हजार करोड़ के कर्जदार विजय माल्या के देश से भाग जाने पर कांग्रेस ने संसद से लेकर सड़क तक सरकार पर जोरदार हमला बोला। राज्यसभा में जहां कांग्रेस ने माल्या और ललित मोदी को वापस लाओ के नारे लगाए, वहीं कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार से पांच सवाल पूछे। इस बीच माल्या का मामला राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी ने सदन आचरण समिति के सुपुर्द कर दिया है। इससे जुड़े हुए सारे नोटिसों भी समिति ही विचार करेगी और तभी माल्या की राज्यसभा सदस्यता पर फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही विपक्ष की बहुलता वाली आचरण समिति में इस मामले में सुनवाई के बाद सियासी आंच और बढ़ना तय माना जा रहा है।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य प्रमोद तिवारी ने सरकार पर लुक आउट नोटिस में बदलाव कर माल्या को देश से भगाने का आरोप लगाया। शून्यकाल के दौरान पार्टी के अन्य सदस्य भी मामले पर नारेबाजी करते हुए सभापति के आसन के समक्ष आ गए। पीठासीन अधिकारी उपसभापति पी.जे कुरियन ने तिवारी को मामला सदन में न उठाकर आचार समिति के पास भेजने को कहा। मगर हंगामे के चलते उपसभापति को शून्यकाल में ही सदस्यों को सुनना पड़ गया। विपक्ष के साथ-साथ ही सांसद किरीट सोमैया ने राज्यमंत्री वित्त मत्री जयंत सिन्हा को पत्र लिखकर माल्या के व्यापार पर फॉरेंसिक ऑडिट की मांग भी की।
सरकार को सवालों के कठघरे में खड़ा करने के साथ सुरजेवाला ने चुटकी लेते हुए कहा कि 'माल्या और ललित मोदी की जोड़ी, देश का पैसा ले भागी। साथ ही कहा कि 'माल्या फेयर एंड लवली स्कीम के तहत देश से भाग गए और अब डबल एनआरआई बन गए है जिसका मतलब है 'नॉन रीपेइंग इंडियन और नॉन रिटर्निंग इंडियन।' मोदी सरकार ने चुनाव के दौरान विदेश से काला धन वापस लाने का जो वादा किया था, वो तो पूरा किया नहीं बल्कि ललित मोदी और विजय माल्या जैसे लोगों को देश से भागने का गेटवे दिया जा रहा है। इससे पहले उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने तीन सदस्यों गुलाम नबी आजाद, प्रमोद तिवारी और शरद यादव के माल्या संबंधी नोटिसों को आचार समिति के सुपुर्द कर दिया। समिति के अध्यक्ष डा. कर्ण सिंह ने बताया कि पहले दो नोटिसों के बाद तीसरा भी सभापति ने समिति को भेजा है। डा. सिंह के मुताबिक बैठक का समय तय नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही होगी। इस मामले में संभावनाओं के पूछने पर डा. सिंह झल्ला गए और कहा कि यह किसी भविष्यवेत्ता से पूछिए।
सुरजेवाला के पांच सवाल- 1- क्या केंद्र सरकार इग्लैंड पर दबाव बनाकर माल्या को सौंपने के साथ नौ हजार करोड़ रुपए हासिल कर पाएगी? या ललित मोदी की ही तरह एक बहुस्तरीय प्रक्रिया लाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देगी?
2- माल्या एक मार्च को वित्त मंत्री और वित्त सचिव से मिल कर गए हैं। क्या जेटली ने मोदी को अपनी मुलाकात के बारे में बताया था? क्या वे संसद को भी बताएंगे? 3- माल्या को पकड़ने के लिए जो लुकआउट नोटिस जारी हुई थी, उसे सीबीआई ने जानकारी देने वाला नोटिस क्यों बना दिया। गया राजनीतिक दबाव में ऐसा किया गया? 4- प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या को पेश होने के लिए समन भेजा था। कोर्ट ने भी गैर जमानती वारंट जारी किया है। इन सबके बावजूद माल्या देश से बाहर कैसे चले गए? 5- डियाजियो (यूनाइटेड स्पिरिट की मालिक) ने माल्या से 515 करोड़ रुपए (75 मिलियन डॉलर) की डील की थी कि वे कंपनी के बोर्ड से हट जाएं। इसमें से 40 मिलियन डॉलर माल्या के अकाउंट में पहुंच चुके हैं। यूनाइटेड स्पिरिट्स के बिकने के बाद पैसा बैंकों को क्यों नहीं दिया गया?
पढ़ें- भारत लौटने को तैयार नहीं विजय माल्या, सभी संपत्तियां होंगी जब्त
पढ़ें- विजय माल्या ने कहा- भारत लौटेंगे लेकिन अभी आने का ठीक समय नहीं